काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह ने किया विश्वनाथ धाम का दर्शन-भ्रमण, अन्नक्षेत्र में ग्रहण किया प्रसाद , काशी और तमिल परंपराओं का दिव्य संगम

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वाराणसी। काशी तमिल संगमम् के अंतर्गत आए चतुर्थ समूह का आज 8 दिसंबर 2025 को काशी विश्वनाथ धाम में परंपरागत और भव्य स्वागत किया गया। मंदिर पहुँचने पर काशी विश्वनाथ मंदिर के शास्त्रियों ने फूल-वर्षा, डमरू वादन और वेदध्वनि के साथ अतिथियों का अभिनंदन किया। इस दिव्य वातावरण में सभी अतिथि “हर हर महादेव” और “वणक्कम काशी” के उद्घोष के साथ बाबा विश्वेश्वर के चरणों में नमन करते हुए दर्शन-पूजन में सम्मिलित हुए।

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धाम के भव्य कॉरिडोर का विशेष भ्रमण

स्वागत के उपरांत मंदिर प्रशासन द्वारा चतुर्थ समूह के सभी सदस्यों को काशी विश्वनाथ धाम के विशाल और भव्य कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण कराया गया।
भ्रमण के दौरान अतिथियों ने—

  • धाम के ऐतिहासिक स्वरूप

  • प्राचीन स्थापत्य कला

  • नवनिर्मित सुविधाओं

  • श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और धाम के आधुनिकीकरण

के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। सदस्यों ने आधुनिकता और आध्यात्मिकता के अद्भुत समन्वय की सराहना की।

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अन्नक्षेत्र में ग्रहण किया श्री विश्वेश्वर का प्रसाद

दर्शन-पूजन और भ्रमण के पश्चात मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में सभी अतिथियों के लिए दोपहर के भोजन (प्रसाद) की विशेष व्यवस्था की गई।
अन्नक्षेत्र में परोसे गए प्रसाद ने अतिथियों को काशी की अतिथि-देवो भवः परंपरा, सेवा-भाव और सरलता का सजीव अनुभव कराया।

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तमिल और काशी परंपराओं का आध्यात्मिक संगम

चतुर्थ समूह का यह दर्शन एवं भ्रमण कार्यक्रम काशी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंधों को और सुदृढ़ करने वाला सिद्ध हुआ।
इस अवसर ने दोनों समुदायों के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुनः जीवंत किया और परंपराओं के संगम की गहराई को पुनर्स्थापित किया।

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स्मरणीय बना यह दिवस

यह पूरा दिवस काशी की सनातन परंपरा, आध्यात्मिक ऊर्जा और तमिल संस्कृति के बीच गहरे जुड़ाव का प्रतीक बनकर उपस्थित रहा।
अतिथियों के लिए यह अनुभव अविस्मरणीय रहा और काशी तमिल संगमम् के इस चरण ने पुनः सिद्ध किया कि काशी और तमिलनाडु का नाता आत्मिक और सांस्कृतिक रूप से अटूट है।

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