श्री काशी विश्वनाथ धाम में भव्यता से मनाई गई आद्य गुरु शंकराचार्य की जयंती, मंत्रोच्चार से गूंजा काशीपुराधिपति का धाम

vns
WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आद्य गुरु शंकराचार्य जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में भगवान शंकराचार्य की प्रतिमा पर भव्य पूजन और उत्सव का आयोजन संपन्न हुआ।

vns

श्री काशी विश्वनाथ धाम में शंकराचार्य प्रतिमा पर पुष्प सज्जा के साथ शास्त्रोक्त विधि से मंत्रोच्चार सहित आराधना की गई। त्रिपुंड अभिषेक और आरती के साथ पूजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विशेष कार्याधिकारी, महंत चिंतामणि गणेश, चल्ला सुब्बा राव, श्रृंगेरी मठ के प्रबंधक चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, कोविलूर मठ के स्वामी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

vns

सायंकालीन कार्यक्रम में शंकराचार्य कृत संस्कृत स्तोत्रों का सस्वर पाठ किया गया। शिव मानस स्तुति से शुरू होकर वेदसार शिवस्तोत्र, अन्नपूर्णा स्तोत्र, निर्वाण षट्कम, कालभैरव अष्टकम, भवानी अष्टकम का पाठ हुआ और क्षमा याचना स्तोत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

vns

इसी दिन श्री काशी विश्वनाथ धाम के सभागार में विद्वत गोष्ठी का आयोजन भी हुआ, जिसमें काशी के प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया। गोष्ठी में कोविलूर स्वामी, प्रो. बिहारी लाल शर्मा (कुलपति, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय), प्रो. राम नारायण द्विवेदी (महामंत्री, काशी विद्वत परिषद), प्रो. हरिशंकर पांडेय, डॉ. कमलेश झा, श्री सी.वी. सुब्बाराव शास्त्री, डॉ. अभिषेक कुमार मिश्र, डॉ. आनंद कुमार जैन, श्री के. वेंकट रमण घनपाठी, डॉ. सप्तगिरीश सहित अन्य विद्वान और न्यास के अधिकारी उपस्थित रहे।

vns

कार्यक्रम के दौरान श्रृंगेरी मठ की ओर से श्री चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद द्वारा भगवान विश्वनाथ की सेवा में रजत बिल्व माला भेंट की गई। यह आयोजन सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति का केंद्र रहा।
 

Share this story