विवाहिता से अप्राकृतिक दुष्कर्म मामले में आरोपित को मिली अग्रिम जमानत

वाराणसी। प्रभारी सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार सिन्हा की अदालत ने अपाकृतिक दुष्कर्म के मामले में आरोपित को अग्रिम जमानत दे दी। सोनभद्र के के ओबरा क्षेत्र के निवासी आरोपित को अदालत ने 50-50 हजार की दो जमानतें व बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी ने आरोप लगाया है कि 30 नवंबर 2016 को उसकी शादी ओबरा निवासी युवक से हुई थी। वादिनी के पिता ने ससुरालवालों के मांगने पर नौ लाख के नकदी और जेवरात आदि दिये। सगाई में भी काफी पैसे खर्च हुए। उसके पति व ससुरालवाले शेयर मार्केट का काम करते हैं। जनरल स्टोर भी हैं। इसके बाद पति व ससुरालवाले शेयर मार्केट में लगाने के लिए 6 लाख रुपये की मांग करने लगे। असमर्थता व्यक्त करने पर उसके पति, श्वसुर, भाभी, देवर व ननद उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ना करने लगे। मारना पीटना, भूखे रखना व घर से बाहर सुलाया जाता है। इससे वह गंभीर रूप से बीमार हो गई।
शादी के बाद 7 दिसंबर 2016 को उसके पति ने बीमारी हालत में सारे कीमती सामान जेवर लेकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह मायके आई और परिवारवालों को पूरी बात बताई। इसी दौरान वादिनी के पिता का प्रोस्टेट कैंसर के कारण 27 फरवरी 2017 को निधन हो गया। परिवार की मानसिक स्थिति सामान्य होने पर वादिनी को उसके भाई व मां उसके ससुराल ले गए। इसके बाद उसे फिर प्रताड़ित किया जाने लगा। कई दिनों तक भूखे रखा। उसके पति उसकी मर्जी के खिलाफ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने लगे। ससुराल के लोगों के शारीरिक, मानसिकता, कूरता व प्रताड़ना से उसे मानसिक कष्ट हुआ।
अक्टूबर माह में वह प्रताड़ना से पुनः बीमार हो गई तो उसके मां व भाई उसे वाराणसी लाकर इलाज़ कराये। मायकेवालों ने कई बार ससुराल वालों को बुलाकर विदाई के लिए अनुरोध किया लेकिन उन लोगों ने उसे अपने पास रखने से इनकार कर दिया। आरोप है कि वादिनी को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना देकर और दवा खिलाकर उसका गर्भपात कराया गया और अपाकृतिक दुष्कर्म किया गया।
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