एक बार फिर मिलेंगे उत्तर और दक्षिण भारतीयों के दिल, तमिल संगमम 2.0 में बनारस आएंगे 1500 मेहमान
वाराणसी। तमिल संगमम याद है? अरे वही, जिसमें दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु से कई मेहमान बनारस आए थे। लगभग एक महीने तक चले इस समागम में उत्तर-दक्षिण की संस्कृति, परम्पराओं का मेल मिलाप हुआ था। अब एक बार फिर से इस सम्मेलन की आस जगी है।
एक बार फिर से बनारस में दक्षिण और उत्तर की परम्पराओं का मिलाप होने वाला है। एक बार फिर से शहर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बौछार लगेगी। एक बार फिर से दक्षिण भारतीय उत्तर के परम्पराओं में और उत्तर भारतीय दक्षिण के परम्पराओं में रमे नजर आएंगे।
तमिल संगमम 2.0 की तैयारियां तेज हैं। तमिल संगमम 2.0 का आयोजन आगामी 17 दिसंबर से बनारस में होना है। जिसके मद्देनजर शनिवार को कमिश्नरी सभागार में नीता प्रसाद, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई। जिसमें तैयारियों की समीक्षा की गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 17 दिसम्बर से तमिलनाडु से बनारस के लिए मेहमानों का आवागमन शुरू हो जाएगा। इसके लिए अब तक तीस हजार पंजीकरण हो चुके हैं। जिसमें से 1500 लोग सेलेक्ट किए जाएंगे। इन मेहमानों का आगमन सात शिफ्टों में होगा। सभी मेहमान दो दिन बनारस भ्रमण करेंगे। इसके बाद वे यहां से प्रयाग्रह और अयोध्या की गरिमा देखेंगे।
बैठक में मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने पर्यटन, पुलिस तथा अग्निशमन की संयुक्त टीम बनाकर उनके ठहरने के लिए चिन्हित होटल, हाइजीन, खाने की गुणवत्ता तथा सुरक्षा व्यवस्था हेतु सभी तैयारियों की समीक्षा का निर्देश दिया। उन्होंने नगर निगम व स्मार्ट सिटी को संयुक्त रूप से नमो घाट पर टॉयलेट आदि के संबंध में उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त ने अतिथियों के स्वागत के लिए अंगवस्त्रम तथा मोमेंटो खरीदने हेतु निर्देशित भी किया।
मंडलायुक्त ने सभी स्टाल को 15 दिसंबर तक पूरी तरह चालू करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि अतिथि 15 दिसंबर को चलकर 17 दिसंबर को पहुंचेंगे उसके उपरांत वो लोग विश्वनाथ मंदिर, विशालाक्षी मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन में भाग लेंगे।
अगले दिन सभी अतिथि हनुमान घाट पर गंगा स्नान के उपरांत मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे तथा सुब्रह्मण्यम भारती के घर जायेंगे। तत्पश्चात सभी लोग नमो घाट जायेंगे जहां लंच के उपरांत स्टॉल भ्रमण करेंगे तथा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। सभी लोग क्रूज से गंगा आरती देखने के बाद आयोजित डिनर में भाग लेंगे। उसके बाद अतिथियों को प्रयागराज ले जाया जायेगा। वहाँ घूमने के बाद सभी लोग अयोध्या दर्शन हेतु प्रस्थान करेंगे। वहाँ से पुन: सभी लोग बनारस आयेंगे तथा यहां से वो लोग ट्रेन से तमिलनाडु को प्रस्थान करेंगे।
दूसरे चरण में तमिलनाडु व पांडुचेरी से 1500 लोग आयेंगे
काशी तमिल संगमम (केटीएस) के दूसरे चरण में यह प्रस्तावित है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोग यात्रा में लगने वाले समय सहित 8 दिनों के एक गहन दौरे के लिए ट्रेन से वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे। उन्हें 7 समूहों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें छात्र, शिक्षक, किसान और कारीगर, व्यापारी और व्यवसायी, धार्मिक व्यक्ति, लेखक और पेशेवर लोग शामिल होंगे। प्रत्येक समूह का नाम एक पवित्र नदी (गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी) के नाम पर रखा जाएगा।
प्रतिनिधि यात्रा कार्यक्रम में 2 दिन जाने की यात्रा-2 दिन वापसी यात्रा बनारस की और एक-एक दिन की प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा शामिल होगी। तमिलनाडु और काशी की कला संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले स्टॉल लगाए जाएंगे। वाराणसी के नमो घाट पर तमिलनाडु और काशी की संस्कृतियों के मिश्रण वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
इस अवधि के दौरान ज्ञान के विभिन्न पहलुओं जैसे साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ आधुनिक नवाचार, व्यापार आदान-प्रदान, एडुटेक और अन्य पीढ़ी की अगली तकनीक और अकादमिक आदान-प्रदान जैसे सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान, आदि का आयोजन किया जाएगा। बैठक में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, रेलवे, पर्यटन, संस्कृति, एमएसएमई समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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