बिजली हड़ताल से पहले सरायमोहाना में 30 घंटे से आपूर्ति ठप, निगम ने किया पहले से प्रबंध का दावा

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वाराणसी। बिजलीकर्मियों की मंगलवार से शुरू आंदोलन के बाद से ही विभिन्न क्षेत्र की बिजली व्यवस्था में दिक्कतें आनी शुरू हो गईं। गुरूवार की रात से 72 घंटे के सांकेतिक हडद्यताल पर कर्मचारियों के चले जाने के बाद स्थिति और विकट होने के आसार है। सारनाथ थाना क्षेत्र के सलारपुर में पिछले 30 घंटे से बिजली नही है। वहां बिजली के साथ पानी का संकट गहरा गया है। लोग हैंडपम्पों पर लाइन लगाकर पानी ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने हड़ताल के दौरान निर्वाध बिजली आपूर्ति का दावा किया है। उसका दावा है कि संकट से निपटने के लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। जबकि उनके दावे से पहले संकट के बाहर दिखने लगे हैं।

उधर, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई कि शासन के निर्देशानुसार  विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित कार्य बहिष्कार की अवधि में डिस्काम के उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए सभी तैयारियों पूरी कर ली गई हैं। इसमें वैकल्पिक मानव संसाधन, वाहन की व्यवस्था, मजिस्ट्रेट की तैनाती और पुलिस प्रबंधन आदि शामिल है। कार्य बहिष्कार की अवधि में निर्बाध बिजली आपूर्ति की सभी कार्यवाही की जाएगी।

किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उपभोक्ता विद्युत हेल्पलाइन 1912 व निगम के टोल फ्री नम्बर 1800-180-5025 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही संघर्ष समिति और उसके घटक संगठनों से अपील की जाती है कि संवाद के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान कराएं। किसी प्रकार के कार्य बहिष्कार या हड़ताल में न शामिल हों। उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के दायित्वों को पूरे मनोयोग से निभाएं। निगम की इस दावे तो फिलहाल उपभोक्ताओं को सांत्वना प्रदान कर सकते हैं लेकिन सरायमोहना में 30 घंटे से बिजली संकट झेल रहे लोगों पर इस दावे का कोई असर नही दिखता। सूत्रों के अनुसार 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल के दौरान या तो बिजली के हालात बिगड़ेंगे या टकराव की स्थिति बढ़ेगी। लेकिन इस लड़ाई का नतीजा भुगतना जनता को है।

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