बीएचयू में नाजुक भसीन की मौत के विरोध में छात्रों का आंदोलन, डायरेक्टर और एमएस की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया सुंदरकांड पाठ 

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वाराणसी। बीएचयू के पर्यावरण और सतत विकास संस्थान की शोध छात्रा नाजुक भसीन की कथित चिकित्सकीय लापरवाही से हुई मृत्यु के मामले में छात्र समुदाय ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है। छात्रों ने इस मामले में विशेष जांच दल (SIT) से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसी कड़ी में चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) पर छात्रों ने डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MS) की बुद्धि शुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया। इसके जरिये विरोध जताया। 

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छात्र नेता विपुल सिंह ने कहा, कि यह आंदोलन बीएचयू की बेटी नाजुक भसीन को न्याय दिलाने के लिए है। इसके लिए हमने श्रद्धांजलि सभा, कैंडल मार्च, कुलपति और कुलसचिव को ज्ञापन सौंपने, हस्ताक्षर अभियान और अब सुंदरकांड पाठ जैसे कार्यक्रम किए हैं। हमारा उद्देश्य भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की बुद्धि शुद्धि और नाजुक को इंसाफ दिलाना है।"

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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दिव्यांशु त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "नाजुक भसीन बीएचयू की बेटी और देश का भविष्य थी, लेकिन सर सुंदरलाल चिकित्सालय में व्याप्त भ्रष्टाचार ने उसकी हत्या कर दी। जब हम सुंदरकांड पाठ के लिए IMS पहुंचे, तो आयुर्वेद संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर विकास ने छात्रों को धमकाया और मुकदमा करने की बात कही। यह सरासर गलत है। यदि प्रशासन इस तरह की हरकतों में शामिल रहेगा, तो हम और गंभीर आंदोलन के लिए तैयार हैं। हम मांग करते हैं कि दोषी प्रोफेसर को तुरंत निलंबित किया जाए और नाजुक की रहस्यमय मृत्यु की SIT जांच हो।"

आंदोलन के दौरान मेडिसिन संकाय के डीन संजय गुप्ता ने छात्रों को बताया कि मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें मेडिसिन और फॉरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष, एनेस्थिसिया के प्रोफेसर राजीव डूबे शामिल हैं। यह कमेटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में काम करेगी। सुंदरकांड पाठ में डीन संजय गुप्ता, छात्र सत्यनारायण, दिव्यांशु त्रिपाठी, विपुल सिंह, आशीष तिवारी, पल्लव सुमन, पुनीत मिश्रा, ध्रुव सिंह, यश, शिवम सोनकर, कृष्णा, अमन, अंकित सहित अन्य शामिल रहे।

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