छात्रों ने सीखी मिट्टी से टेराकोटा म्यूरल खिलौना बनाने की विधि, 25 दिवसीय कार्य़शाला संपन्न 

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वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में 25 दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार को समापन हुआ। कार्यशाला में छात्रों ने मिट्टी से टेराकोटा म्यूरल खिलौना बनाने की विधि सीखी। 5 से 29 फरवरी तक चले इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने लगभग 200 म्यूरल एवं खिलौने का निर्माण किया। इसमें बीएफ प्रथम वर्ष के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। 

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कार्यशाला के प्रशिक्षक मशहूर चित्रकार रातेद्र विश्वकर्मा एवं शुचिता सिंह ने 25 दिनों तक मिटटी से टेराकोटा म्यूरल खिलौने बनाने की कला का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने टेराकोटा म्यूरल 105 अलग-अलग चौकोर फ्रेमो में बांधने का प्रयास किया है। इसी तरह ट्रेडिशनल म्यूरल 50 तथा 50 खिलौने रिलीफ तकनीक से बनाए गए। छात्र-छात्राओं ने गांव में घोड़े पर सवार खिलवाड़ करते लोग, जानवरों से दूध निकालते लोग, खेत जोत किसान, दूध से घी निकालती महिलाएं, वाद्य यंत्र बजाते लोग, डांस करते हुए राधा कृष्ण, यक्ष-यक्षिणी, ज्यामिति आकृति लिए हुए मछली, नव आदि विषयों पर  टेराकोटा म्यूरल निर्माण किया। 

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समापन समारोह में प्रशिक्षक रातेद्र विश्वकर्मा एवं शुचिता सिंह को ललित कला विभाग के अध्यक्ष डॉ.सुनील कुमार विश्वकर्मा ने प्रमाणपत्र एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, डॉ. रामराज, डॉ. स्नेहलता कुशवाहा, एस एंजेला, शालिनी कश्यप आदि छात्राएं उपस्थित रहीं।

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