BHU में शोध प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी, ABVP ने की पारदर्शिता की मांग

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में शोध प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) लंबे समय से संघर्षरत है। प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं के खिलाफ छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में, छात्रों ने कुलपति आवास और केंद्रीय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, वहीं सोमवार को परीक्षा नियंत्रक से मिलने पहुंचे छात्रों को सुरक्षाकर्मियों ने कार्यालय के बाहर ही रोक दिया। इस पर नाराज छात्र वहीं धरने पर बैठ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे।
छात्रों का कहना है कि जब तक पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी नहीं बनाया जाता और उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों ने स्पष्ट किया कि वे परीक्षा नियंत्रक कार्यालय से तब तक नहीं हटेंगे जब तक उन्हें ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता।
छात्रों की प्रमुख मांगें
ABVP ने BHU प्रशासन से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
1. जून 2024 में पात्रता परीक्षा (RET) उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को ही शोध प्रवेश दिया गया था, लेकिन प्रक्रिया में देरी के कारण छात्रों का बहुमूल्य समय नष्ट हो रहा है। ABVP ने मांग की है कि जिन विभागों में शोध की सीटें खाली हैं, उन्हें इस सत्र की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जाए और प्रतीक्षा सूची में मौजूद छात्रों को उन सीटों पर प्रवेश दिया जाए।
2. सामाजिक समावेशन केंद्र और मालवीय शांति अध्ययन केंद्र में प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर छात्र धरने पर बैठे हैं। ABVP ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द इन छात्रों से संवाद करे और उनकी समस्याओं का समाधान निकाले।
3. कई विभागों में RET या RET EXEMPTED श्रेणी की सीटें अभी भी रिक्त पड़ी हैं। ABVP ने मांग की है कि इन सीटों को नियमानुसार दूसरी श्रेणी के योग्य छात्रों को आवंटित किया जाए ताकि सभी रिक्तियां भर सकें और योग्य छात्रों को अवसर मिल सके।
छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को अनदेखा कर रहा है और अनियमितताएं जारी हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन और उग्र होगा।