बीएचयू में छात्रा की मौत पर छात्रों का आक्रोश, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप, न्यायिक जांच की मांग तेज

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय की एक छात्रा की असामयिक मृत्यु से छात्र संगठनों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतका की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। शनिवार को बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस में ओबीसी, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक संघर्ष समिति के अध्यक्ष परमदीप पटेल और एससी-एसटी छात्र कार्यक्रम आयोजन समिति के संयोजक एवं उपाध्यक्ष अजय कुमार भारती के नेतृत्व में छात्र प्रतिनिधियों ने कुलपति और कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा। 

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छात्रों ने कहा कि महिला महाविद्यालय की छात्रा की मौत विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही का परिणाम प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि यह लगातार दूसरी दुखद घटना है, जिसने विश्वविद्यालय समुदाय को गहरे सदमे और असुरक्षा की भावना से भर दिया है। छात्र नेताओं ने कुलपति से मांग की कि इस पूरे प्रकरण की सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कराई जाए, ताकि दोषियों की जवाबदेही तय हो सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कई बार शिकायतें उठ चुकी हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया गया।

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छात्रों ने मांग किया कि विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र को 24 घंटे (24x7) खुला रखा जाए, ताकि छात्रों को किसी भी समय चिकित्सकीय सहायता मिल सके। सर सुंदरलाल चिकित्सालय में विद्यार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज की सुविधा दी जाए। छात्र नेताओं ने कहा कि बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में बार-बार इस तरह की घटनाएं होना बेहद चिंताजनक है। यह न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि परिसर में रह रही छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करता है।

 

छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया और न्यायिक जांच की मांग पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो वे आंदोलन का रुख अपनाने को बाध्य होंगे। इस मौके पर बीएचयू बहुजन इकाई के कई छात्र प्रतिनिधि और शोधार्थी मौजूद रहे, जिनमें रविशंकर सिंह पटेल, सूर्य मणि गौतम, शिवशक्ति कुमार, रितेश कन्नौजिया, सर्वेश यादव, अविनाश यादव, विभु यादव, अंकेश कुमार मौर्य, धीरेन्द्र यादव, अरविंद पाल, प्रशांत यादव आदि शामिल थे।

 

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