युवा कांग्रेस की ‘जनाक्रोश रैली’ पर पुलिस की सख्त कार्रवाई, पुलिस कमिश्नर ने खुद संभाला मोर्चा, कई नेता नजरबंद, कई गिरफ्तार
वाराणसी। उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस (पूर्वी जोन) द्वारा बेरोजगारी, SIR व्यवस्था और कथित वोट चोरी के मुद्दों को उठाते हुए शुक्रवार को प्रस्तावित “वोट चोर गद्दी छोड़ – SIR बंद करो – बेरोजगारी हटाओ” जनाक्रोश रैली से पहले ही पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अख़्तियार कर लिया। रैली शुरू होने से पूर्व ही कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को उनके घरों तथा जिले के अन्य स्थानों पर नजरबंद कर दिया गया। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई।

युवा कांग्रेस की रैली का मार्ग शास्त्री घाट से कचहरी होते हुए रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय तक तय जाना था। इस जानकारी के प्रशासन तक पहुंचते ही सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गईं। एहतियातन भेलूपुर, लंका और चितईपुर थानों की पुलिस के साथ तीन प्लाटून PAC को भी तैनात किया गया। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल और एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार ने मौके पर तैयारियों की निगरानी की, जबकि प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय से पहले गुरु धाम चौराहे को सुरक्षा का मुख्य बिंदु बनाया गया था, जहां बैरिकेडिंग से लेकर तैनाती तक का सख्त प्लान लागू किया गया।

स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल स्वयं निरीक्षण के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने गुरु धाम चौराहे से पीएमओ कार्यालय तक रूट मार्च किया और सुरक्षा में लगे जवानों के उपकरणों की बारीकी से जांच की। जांच के दौरान सिगरा थाने का एक दरोगा बिना बॉडी प्रोटेक्टर और पिस्तौल के मिला, जिस पर कमिश्नर ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए मौके पर फटकार लगाई। उन्होंने चार प्रमुख प्वाइंट्स पर तैनात पुलिस बल के हेलमेट, प्रोटेक्टर, डंडे और हथियारों की स्थिति की समीक्षा की और कई कर्मियों को सुधार के निर्देश दिए।

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी। राजनीतिक दल की ओर से बिन अनुमति के रैली निकाली जा रही थी। ऐसे में पुलिस को अलर्ट किया गया है। शास्त्री घाट से लेकर पीएम के संसदीय कार्यालय तक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई। पुलिसकर्मियों को संसाधनों से लैस किया गया है। कानून व्यवस्था हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

निरीक्षण के दौरान कुछ पुलिसकर्मी आवश्यक सुरक्षा मानकों का पालन करते नहीं पाए गए, जिस पर कमिश्नर ने नाराज़गी जताते हुए निर्देश दिया कि जिन लोगों के पास सुरक्षा उपकरणों का अभाव है, उन्हें तुरंत उपलब्ध कराया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले कर्मियों से जवाब-तलब किया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी।
उधर युवा कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनका उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीक़े से जनता की समस्याओं को उठाना था, लेकिन पुलिस ने पहले ही कार्रवाई करते हुए आंदोलन को बाधित कर दिया। बताया गया कि राष्ट्रीय युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भानु चिब सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी पूरे दिन पुलिस निगरानी में रहे। वाराणसी में पुलिस अलर्ट मोड में रही और लगभग सभी महत्वपूर्ण चौराहों पर सुरक्षा बल तैनात रहे। कमिश्नर के निर्देश पर स्थिति पर निरंतर निगरानी जारी रही और शाम तक हालात पर विशेष ध्यान रखने का आदेश दिया गया।

