असि घाट पर सेना को समर्पित पत्थरों की भित्त चित्र प्रदर्शनी, शिल्पकार की अद्भुत कला ने जीता दिल

वाराणसी। गंगा के पावन तट पर स्थित असि घाट पर शिल्पकार अरुण सिंह द्वारा आयोजित पत्थरों पर भित्त चित्र प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। तीसरे दिन बुधवार को आयोजित इस प्रदर्शनी को भारतीय सेना के जवानों को समर्पित किया गया, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
पौराणिक गाथाओं का चित्रण
प्रदर्शनी में पत्थरों पर उकेरी गई पौराणिक गाथाओं के चित्रों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। मुख्य अतिथि के रूप में लोक भूषण सम्मान से सम्मानित ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्रा और विशिष्ट अतिथि समाजसेवी रामयश मिश्र ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। डॉ. जयप्रकाश मिश्रा ने कहा, "पत्थरों पर कला प्रदर्शित करना अत्यंत जटिल कार्य है। केवल वही व्यक्ति इसे कर सकता है जो इसमें कुशल हो। इन चित्रों को देखकर पौराणिक काल की स्मृतियां ताजा हो गईं।"
सेना के जवानों को समर्पित प्रदर्शनी
शिल्पकार अरुण सिंह ने इस प्रदर्शनी को भारतीय सेना के वीर जवानों को समर्पित करते हुए कहा, "गंगा के पावन तट पर लगी यह प्रदर्शनी उन जवानों के नाम है, जिन्होंने पहलगाम में बहू-बेटियों के सिंदूर को उजाड़ने वाले आतंकवादियों को मार गिराकर देश का सिर गर्व से ऊंचा किया।" उन्होंने आगे कहा, "हमारे जवानों ने 140 करोड़ भारतीयों को गर्व से जीने की अनुभूति दी है, जिसे शब्दों में बयां करना असंभव है। देश के जवान हर चुनौती का सामना करने और दुश्मन से लोहा लेने में सबसे आगे हैं। हमें ऐसे वीरों पर गर्व है।"
ऑपरेशन सिंदूर की गूंज
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर 90 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया। इस कार्रवाई ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को विश्व पटल पर मजबूती से स्थापित किया। अरुण सिंह की यह प्रदर्शनी न केवल कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि सेना के प्रति सम्मान और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक भी है।