महाकुंभ से पहले स्टीव जॉब्स की पत्नी लारेन पॉवेल ने बाबा विश्वनाथ का लिया आशीर्वाद, भारत यात्रा में मिला नया नाम ‘कमला’
काशी भ्रमण और गंगा आरती में हुईं शामिल
61 वर्षीय लारेन पॉवेल भारत आने के बाद सबसे पहले काशी पहुंचीं। यहां वह कैंटोनमेंट क्षेत्र के एक होटल में ठहरीं और काशी के प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया। शनिवार को उन्होंने गंगा में नौकायन किया, बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए, और काशी की विश्व प्रसिद्ध सायंकालीन गंगा आरती में भी हिस्सा लिया।
प्रयागराज महाकुंभ में कल्पवास करेंगी
प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहा महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा, यहां पॉवेल लगभग 10 दिनों तक कल्पवास करेंगी। इस दौरान वह श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में ठहरेंगी। आध्यात्मिक गुरु कैलाशानंद जी महाराज ने बताया कि पॉवेल महाकुंभ में अपने गुरु से मिलने आ रही हैं। यह उनकी दूसरी भारत यात्रा है और वह साधना, ध्यान, और तप के माध्यम से आत्मिक शांति और ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखती हैं।
नाम मिला 'कमला' और गोत्र में दी गई जगह
स्वामी कैलाशानंद जी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पॉवेल का नया नाम 'कमला' रखा गया है। उन्हें बेटी की तरह अपनाया गया है और उनके लिए गोत्र भी निर्धारित किया गया है। स्वामी जी ने कहा, "यह हमारा सौभाग्य है कि वह हमारी परंपराओं और संस्कृति के बारे में जानने की उत्सुकता रखती हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि पॉवेल संभवतः अखाड़े की पेशवाई (शाही स्नान से पहले होने वाला भव्य जुलूस) में भी शामिल हो सकती हैं।
जॉब्स परिवार और भारत का आध्यात्मिक रिश्ता
स्टीव जॉब्स और भारत के बीच का आध्यात्मिक रिश्ता गहराई से जुड़ा हुआ है। स्टीव जॉब्स को बचपन से ही भारतीय दर्शन और अध्यात्म में गहरी रुचि थी। 1970 के दशक में, जॉब्स नैनीताल के कैंची धाम गए थे, जहां बाबा नीम करौली के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा थी। अपने जीवन में उन्होंने भारतीय संतों और साधुओं से प्रेरणा ली। स्टीव जॉब्स की तरह उनकी पत्नी लारेन पॉवेल भी हिंदू और बौद्ध धर्म से प्रभावित हैं और इन परंपराओं को समझने के लिए गहराई से प्रयासरत हैं।
महाकुंभ में पॉवेल का विशेष कार्यक्रम
महाकुंभ मेले में पॉवेल का कार्यक्रम बेहद खास होगा। वह संगम में स्नान, साधुओं के सान्निध्य में ध्यान, और पूजन में हिस्सा लेंगी। स्वामी कैलाशानंद जी ने कहा कि पॉवेल का यह निजी कार्यक्रम है, जहां वह आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में आई हैं।