वाराणसी में विशेष टीकाकरण अभियान, 10 और 16 वर्ष के किशोरों का सुरक्षा कवच

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वाराणसी। महानिदेशक परिवार कल्याण के निर्देश पर जिले में विश्व टीकाकरण सप्ताह के अवसर पर एक विशेष टीकाकरण अभियान 24 अप्रैल से 10 मई तक चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत हेड काउंट सर्वे के दौरान छूटे हुए बच्चों को टिटनेस और डिप्थीरिया (गलघोंटू) के टीके लगाए जाएंगे। बुधवार को इस अभियान को लेकर सीडीओ हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में एक ज़िला स्तरीय अंतर्विभागीय बैठक ज़ूम प्लेटफ़ॉर्म पर आयोजित हुई। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से सक्रिय सहयोग की अपील करते हुए कहा कि अभियान के तहत बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जुलाई से दिसंबर के बीच डिप्थीरिया संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इसलिए बच्चों को पहले से ही टीकाकरण के जरिए सुरक्षा दी जाएगी। डिप्थीरिया एक संक्रामक रोग है जो कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु से फैलता है और मुख्यतः गले व टॉन्सिल्स को प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह रोग तेजी से फैल सकता है। 

अभियान के तहत जिले के सभी ब्लॉकों और शहरी क्षेत्रों में स्कूलों, मदरसों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। 10 वर्ष की आयु के बच्चों (कक्षा-5) को टीडी-10 और 16 वर्ष की आयु (कक्षा-10) के बच्चों को टीडी-16 वैक्सीन दी जाएगी। यह कार्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से किया जाएगा।

टीकाकरण का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) द्वारा किया जाएगा। वे प्रत्येक विद्यालय का भ्रमण करके छूटे हुए बच्चों को चिन्हित करेंगी और निर्धारित टीके से आच्छादित करेंगी। केवल बुधवार और शनिवार को टीकाकरण स्थगित रहेगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. ए.के. मौर्या ने अभिभावकों से अपील की कि वे 10 और 16 वर्ष के बच्चों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराएं ताकि डिप्थीरिया जैसी घातक बीमारी से बच्चों की रक्षा की जा सके।

बैठक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व चिकित्सक उपस्थित रहे।

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