मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के निर्माण से पूर्व मिट्टी की जांच, तय होगी शवदाह स्थलों की ऊंचाई, बनेगी 25 मीटर ऊंची चिमनी 

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वाराणसी। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह स्थलों का निर्माण शुरू करने से पूर्व मिट्टी की जांच की जा रही है। इससे ही शवदाह स्थलों की ऊंचाई तय होगी। मणिकर्णिका घाट पर 25 मीटर ऊंची चिमनी भी बनवाई जाएगी, ताकि चिता की राख आसपास के घरों में न पहुंचे। फिलहाल जी प्लस वन के हिसाब से निर्माण होगा, लेकिन भविष्य में जरूरत को ध्यान में रखकर पाइलिंग की जाएगी।

मणिकर्णिका पर 29350 वर्गफीट और हरिश्चंद्र पर 13250 वर्गफीट में विकास कार्य कराए जाएंगे। शवों के स्नान के लिए पवित्र जलकुंड, अपशिष्ट ट्रालियां, मुंडन क्षेत्र होंगे। चारों तरफ से कवर दाह संस्कार क्षेत्र में पांच बर्थ, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, सीढिय़ों, वेटिंग एरिया, भूतल पर पंजीकरण कक्ष, खुले में दाह संस्कार केलिए 19 प्लेटफार्म, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतीक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। यहां पूरा निर्माण कार्य चुनार और जयपुर के पत्थरों से किया जाएगा।


अधिकारियों के अनुसार गंगा किनारे की दलदली मिट्टी में पाइलिंग अधिक गहराई तक करनी पड़ती है। यहां पर तकरीबन 15 से 20 मीटर नीचे तक पाइलिंग की जाएगी। जहां पर सख्त मिट्टी मिलेगी वहां तक पाइलिंग की जाएगी, ताकि बाढ़ के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाए। 


पाइलिंग के काम के लिए बाहर से इंजीनियर भी बुलाए गए हैं। उनकी देखरेख में पाइलिंग कराई जाएगी, ताकि सुरक्षा में किसी प्रकार की कोताही न होने पाए। यहां 25 मीटर ऊंची चिमनी भी बनाई जाएगी ताकि चिता की राख आसपास के घरों में न जाए। फिलहाल घाटों पर रखे मलबे को हटाया जा रहा है ताकि काम के लिए जगह बनाई जा सके।

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