स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2024: BHU की 'हृदयम' टीम की ऐतिहासिक जीत, 49 हजार टीमों ने कराया था नामांकन
वाराणसी। भारत का सबसे बड़ा नवाचार मंच माने जाने वाले स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (SIH) 2024 का फाइनल इस वर्ष 11 से 15 दिसंबर के बीच कोयम्बटूर में आयोजित किया गया। शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और AICTE द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में इस बार रिकॉर्ड 2,99,352 छात्रों और 57,378 विचारों की भागीदारी हुई। 2,600 उच्च शिक्षा संस्थानों से नामांकित 49,892 टीमों में से केवल 2% ने ग्रैंड फिनाले में प्रवेश किया। 'मेडटेक' श्रेणी के तहत, 33 टीमों के बीच BHU की टीम 'हृदयम' ने अपनी अनूठी खोज से सबका ध्यान खींचा। ग्रैंड फिनाले में 'मेडटेक' श्रेणी के पांच फाइनलिस्टों के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद, टीम 'हृदयम' ने विजेता का खिताब और एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार अपने नाम किया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा प्रस्तुत 254 समस्या वक्तव्यों में पांच प्रमुख हार्डवेयर विकास समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया गया। 'मेडटेक' श्रेणी के तहत, 33 टीमों के बीच BHU की टीम 'हृदयम' ने अपनी अनूठी खोज से सबका ध्यान खींचा। इस टीम का नेतृत्व IIT BHU के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के अभ्र भट्टाचार्य ने किया, जबकि परिक्षित चावकुला और सोइनिक घोष टीम के अन्य सदस्य थे। IMS BHU के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर (डॉ.) ओम शंकर ने टीम का मार्गदर्शन किया।
'हृदयम' ने पारंपरिक एंजियोग्राफी प्रक्रिया के महंगे और जटिल विकल्प को सरल बनाने के लिए एक AI-सक्षम, पहनने योग्य डिवाइस विकसित किया। यह डिवाइस उन्नत सेंसर प्रौद्योगिकी, वैस्कुलर इमेजिंग, और AI-ड्रिवन एनालिटिक्स का उपयोग करके रक्त वाहिकाओं की स्वास्थ्य स्थिति की रीयल-टाइम जानकारी प्रदान करता है। इस नवाचार ने पारंपरिक एंजियोग्राफी की महंगी, रेडिएशन-आधारित, और इनवेसिव प्रक्रिया की जगह एक किफायती और सुलभ समाधान पेश किया।
ग्रैंड फिनाले में 'मेडटेक' श्रेणी के पांच फाइनलिस्टों के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद, टीम 'हृदयम' ने विजेता का खिताब और एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार अपने नाम किया। DST ने इस डिवाइस को और विकसित करने और बाजार में लाने के लिए स्टार्टअप अनुदान प्रदान करने की घोषणा की है। यह उपलब्धि BHU और टीम 'हृदयम' के नवाचार और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह न केवल भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्मार्ट इंडिया हैकथॉन जैसे मंच भारत के नवाचार-केंद्रित विकास को कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं।

