SIR : वाराणसी में 10 लाख से अधिक वोटरों को जारी होगा नोटिस, 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग में सामने आई बड़ी चुनौती

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वाराणसी। विधानसभा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत जिले में मतदाताओं की सत्यापन प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है, लेकिन जागरूकता की कमी और तकनीकी जटिलताओं के कारण कई मतदाता नो-मैपिंग सूची में चले गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चल रहे इस महाअभियान में बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) भी अभी तक अधिकतर घरों तक नहीं पहुंच पाए हैं, जिससे प्रक्रिया और अधिक चुनौतीपूर्ण बन गई है।

10.42 लाख वोटर नो-मैपिंग सूची में
वाराणसी में अब तक प्राप्त गणना प्रपत्रों के आधार पर 10 लाख 42 हजार से अधिक वोटर (कुल मतदाताओं का 40.95%) नो मैपिंग सूची में दर्ज हो चुके हैं। दावा-आपत्ति की प्रक्रिया शुरू होने पर इन सभी को नोटिस भेजा जाएगा।

इन मतदाताओं को अपने-अपने बूथ पर जाकर निर्धारित साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा, आयोग द्वारा तय दस्तावेज जमा करने होंगे, यदि प्रस्तुत किए गए साक्ष्य मजबूत नहीं पाए गए, तो मतदाता सूची से नाम काटा भी जा सकता है। 

2003 की मतदाता सूची से मैपिंग बनी सबसे बड़ी चुनौती
2003 की मतदाता सूची से वर्तमान विवरण का मिलान (मैपिंग) करना प्रशासन के लिए कठिन साबित हो रहा है। कारण— शहरी क्षेत्रों में अधिकांश लोगों को याद ही नहीं कि उन्होंने 2003 में किस बूथ पर वोट दिया था। कई लोगों ने गणना प्रपत्र में अपने माता-पिता के पुराने विवरण के आधार पर कुछ कॉलम भर दिए, लेकिन बहुत से कॉलम खाली छोड़ दिए। जब बीएलओ और गणना सहायक इन विवरणों की मैपिंग कर रहे हैं तो कोई सटीक रिकॉर्ड मिलता ही नहीं।

यह समस्या केवल शहरों तक सीमित नहीं है। गांवों में भी शादी के बाद आई बहुओं के संबंध में, उनके माता-पिता के 2003 के विवरण के अभाव में, बड़ी संख्या में प्रपत्र नो-मैपिंग सूची में चले गए हैं। 

5.92 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटने की संभावना
एसआईआर के दौरान वाराणसी में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता चिह्नित हुए हैं जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। अब तक चिह्नित किए गए मतदाताओं की स्थिति 74,536 मृतक, 2,15,231 अनुपस्थित/अनट्रेसेबल, 2,26,138 स्थायी रूप से अन्य स्थान पर स्थानांतरित, 39,338 पहले से किसी अन्य सूची में नामांकित, 38,296 संदिग्ध श्रेणी में हैं। इन सभी को मिलाकर 5 लाख 92 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम हटने की संभावनाएँ प्रबल हैं।

यदि एसआईआर समय विस्तार नहीं मिला, तो आज से ही बूथों पर इनकी सूची चस्पा की जाने लगेगी, जिससे आम जनता को इस प्रक्रिया की जानकारी मिल सके। 

जिले में कुल 31.53 लाख मतदाता
वाराणसी में कुल 31,53,134 मतदाता दर्ज हैं। इनमें से लगभग 6 लाख मतदाता मृतक, शिफ्टेड, अनुपस्थित या संदिग्ध श्रेणी में चिह्नित किए जा चुके हैं। 

एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य एक शुद्ध, त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करना है। हालांकि चुनौतियाँ बड़ी हैं, लेकिन प्रशासन दावा कर रहा है कि निर्धारित समय सीमा में अभियान को पूरा करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास जारी हैं।

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