श्री काशी विश्वनाथ धाम में रजत छत्र स्थापना, भारत माता, अहिल्या बाई होल्कर और शंकराचार्य की प्रतिमाएं हुईं सुशोभित
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में मंगलवार को एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल की गई। धाम में विराजमान भारत माता, पूज्य माता अहिल्या बाई होल्कर और आदि शंकराचार्य जी की प्रतिमाओं पर रजत (चांदी से निर्मित) छत्रों की स्थापना कर उन्हें भव्य रूप से अलंकृत किया गया।

यह निर्णय श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा लिया गया, जिसका उद्देश्य तपती गर्मी के मौसम में प्रतिमाओं को गर्मी से सुरक्षा प्रदान करना था। साथ ही, यह धार्मिक सौंदर्य और श्रद्धालुओं के लिए दिव्यता की अनुभूति को भी बढ़ाता है। चांदी के छत्रों की आभा न केवल प्रतिमाओं को संरक्षण देती है, बल्कि परिसर के वातावरण को और अधिक आध्यात्मिक एवं गरिमामय बनाती है।

इस शुभ अवसर पर मंदिर प्रशासन की ओर से विधिपूर्वक पूजन-अर्चन संपन्न हुआ। पूजा कार्यक्रम का नेतृत्व डिप्टी कलेक्टर ने किया, जिन्होंने धार्मिक विधियों के अनुसार छत्र प्रतिष्ठापना की प्रक्रिया पूरी की। यह आयोजन धाम की परंपरा और उसकी सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप गरिमापूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।

विशेष रूप से, माता अहिल्या बाई होल्कर की प्रतिमा पर रजत छत्र की स्थापना उनके ऐतिहासिक योगदान के सम्मान में की गई। माता अहिल्या बाई ने काशी के पुनर्निर्माण और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सेवा में जो अतुलनीय कार्य किए, वह आज भी श्रद्धा और कृतज्ञता से स्मरण किए जाते हैं। रजत छत्र के माध्यम से उनकी सेवा भावना और काशी के प्रति समर्पण को एक आदरांजलि स्वरूप प्रदान किया गया है।

