कफ सिरप तस्करी मामले में बड़े एक्शन की तैयारी : शुभम जायसवाल समेत अन्य आरोपियों की 40 करोड़ की संपत्ति पर कभी भी चल सकता है बुलडोजर

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वाराणसी। दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के कफ सिरप तस्करी मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी है। जांच में सामने आया है कि तस्करी का नेटवर्क देश से बाहर तक फैला हुआ है और इसमें बांग्लादेश तक दवाओं की अवैध सप्लाई की गई। मामले का सरगना वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल बताया जा रहा है, जिसके परिवार और करीबी लोगों की करीब 40 करोड़ रुपये की संपत्ति चिन्हित की गई है। यह संपत्ति तस्करी से अर्जित धन से जुटाई गई बताई जा रही है।

कई थानों में दर्ज हैं मामले
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि इस पूरे प्रकरण में कोतवाली, रामनगर, रोहनिया और सारनाथ थानों में मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, आर्थिक अपराधों की गहन जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि तस्करी से हुई कमाई को संपत्तियों और फर्जी कारोबार के जरिए खपाया गया।

लुकआउट नोटिस से आरोपियों की घेराबंदी
पुलिस उपायुक्त काशी जोन और एसआईटी के अध्यक्ष गौरव बंसवाल ने बताया कि शुभम जायसवाल, दिवेश जायसवाल उर्फ सानू, आकाश पाठक और अमित जायसवाल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। कमिश्नरेट पुलिस ने इसके लिए ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को प्रस्ताव भेजा था। लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद आरोपियों के विदेश भागने के सभी रास्ते निगरानी में आ गए हैं।

दुबई में छिपा सरगना, प्रत्यर्पण संधि से बढ़ी मुश्किलें
जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल इस समय दुबई में छिपा हुआ है। यूएई के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि होने के कारण उसके लिए वहां से किसी अन्य देश भाग पाना आसान नहीं होगा। पुलिस का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे भारत लाने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।

तस्करी के नेटवर्क में बंटी थीं भूमिकाएं
एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया है कि दिवेश जायसवाल तस्करी में शामिल दवा कारोबारियों के बैंक खातों का संचालन करता था। वहीं अमित जायसवाल और आकाश पाठक लोगों को फर्जी फर्म बनाने के लिए तैयार करते थे, ताकि तस्करी की रकम को वैध दिखाया जा सके। पुलिस अब इन सभी की संपत्तियों और लेन-देन की विस्तृत जांच कर रही है।

कभी भी हो सकती है बड़ी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, चिन्हित की गई संपत्तियों पर योगी सरकार का बुलडोजर कभी भी चल सकता है। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि अवैध कारोबार और तस्करी से अर्जित संपत्ति को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

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