गंगा की लहरों पर श्रीराम कथा मंदाकिनी शोभायात्रा, झांकियों में झलका रामायण का जीवंत चित्र

वाराणसी। काशी में मां गंगा के पावन आंचल पर विगत 38 वर्षों से अनवरत आयोजित की जा रही श्रीराम कथा मंदाकिनी शोभायात्रा का आयोजन इस वर्ष भी भव्यता के साथ संपन्न हुआ। यह ऐतिहासिक शोभायात्रा वर्ष 1988 में उस समय प्रारंभ हुई थी, जब भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण की मुहिम जन जागरण के रूप में एक गिलहरी की भांति शुरू की गई थी। आयोजन का उद्देश्य समाज में समरसता, मां गंगा के प्रति स्वच्छता एवं शुद्धिकरण की भावना को जागृत करना तथा जनमानस को इसके लिए संकल्पित करना है।
रविवार की शाम तुलसी घाट पर शोभायात्रा की शुरुआत संकट मोचन मंदिर के महंत, प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र द्वारा भगवान श्रीराम की आरती कर की गई। इस अवसर पर 25 केवट बंधुओं को पारंपरिक साफा पहनाकर सम्मानित किया गया। शोभायात्रा मां गंगा की लहरों पर सजे-धजे बजड़ों (नावों) पर निकाली गई, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी विभिन्न लीलाओं जैसे जन्म, वनगमन, धनुष यज्ञ, परशुराम संवाद, केवट प्रसंग और राज्याभिषेक तक के प्रसंगों का भव्य मंचन किया गया।
रात्रि का अंधकार जैसे-जैसे बढ़ता गया, वैसे-वैसे झांकियों की आभा और आकर्षण और अधिक मनोहारी हो उठी। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे मां गंगा के आँचल पर तारों का अद्भुत वास हो गया हो। शोभायात्रा जब राजघाट की ओर बढ़ी, वहां सभी झांकियों का जीवंत मंचन किया गया। कुल 20 झांकियों में से तीन को सर्वश्रेष्ठ घोषित कर पुरस्कृत भी किया गया। राम दरबार, धनुष यज्ञ, परशुराम संवाद और संपूर्ण रामायण की झांकियां दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण रहीं।
शोभायात्रा का एक प्रमुख आकर्षण रहा डमरू दल वादकों का मनमोहक प्रदर्शन, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और सभी ने मां गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलीकरण के लिए शपथ ली। उन्होंने यह संकल्प भी लिया कि गंगा जल को प्रदूषित नहीं होने देंगे और वर्षभर समाज को इसके प्रति जागरूक करते रहेंगे।
मातृशक्ति की ओर से सजे हुए आरती थालों के साथ मां गंगा की आरती की गई, जिससे आयोजन और भी भावविभोर हो उठा। कार्यक्रम में मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख सदस्यों सहित कई गणमान्य नागरिकों, संतों और समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इनमें राहुल सिंह, महामंडलेश्वर अभय सिंह, सीए सतीश जैन, डॉ. जेपी लाल, नवीन श्रीवास्तव, डॉ. शिशिर मालवीय, राजेश बहल, अजीत मेहरोत्रा, चंद्रशेखर कपूर, मनीष खत्री, प्रमोद राम त्रिपाठी, विनय राय सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल रहे।