राजस्व से बढ़कर हैं श्रीराम : अयोध्या ही नहीं, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में लागू होगी पूर्ण शराबबंदी
- अयोध्या के तर्ज पर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को मद्य निषेध क्षेत्र के तौर पर किया जा रहा विकसित, यहां की सभी शराब की दुकानों को किया गया स्थानांतरित
- सीएम योगी की मंशा के अनुसार, अयोध्या क्षेत्र में मांस व मदिरा क्रय-बिक्री पहले ही की जा चुकी है पूरी तरह से प्रतिबंधित
- श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मिलने पहुंचे आबकारी व मद्य निषेध राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने दी जानकारी
अयोध्या। प्रभु श्रीराम उत्तर प्रदेश समेत देश-दुनिया की आस्था का केंद्र हैं और आस्था के इस केंद्र के हृदयस्थल अयोध्या को विकसित बनाने के साथ ही उसके धार्मिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए योगी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अयोध्या क्षेत्र में मांस-मदिरा क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित है। धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे, इसलिए इसका कड़ाई से पालन हो रहा है। इसी क्रम में अब पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को भी पूरी तरह शराब मुक्त किया जा रहा है। गुरुवार को श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मिलने पहुंचे आबकारी व मद्य निषेध राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि अयोध्या के आध्यात्मिक मूल्यों का ह्रास नहीं होने दिया जाएगा। उनके अनुसार, सीएम योगी के निर्देशों का पालन करते हुए पूरे परिक्रमा मार्ग में शराबबंदी सुनिश्चित करते हुए यहां पूर्व से स्थापित दुकानों को भी स्थानांतरित कर दिया गया है।
आध्यात्मिक मूल्यों से बढ़कर नहीं है शराबबंदी से होने वाला नुकसान
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, जिसकी वजह से अयोध्या में प्रदेश के मंत्रियों के साथ ही आलाधिकारियों का भी जमावड़ा लग रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करने पीएम मोदी समेत देश-विदेश से विशिष्ट अतिथियों का आगमन भी होगा। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही 30 दिसंबर को पीएम मोदी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट का उद्घाटन करने अयोध्या आएंगे। ऐसे में, प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसी क्रम में अयोध्या व खासतौर पर परिक्रमा क्षेत्रों में पूर्ण शराबबंदी का भी सख्ती से पालन कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शराबबंदी से यहां रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर आय में पड़ने वाले फर्क के सवाल पर नितिन अग्रवाल ने कहा कि हमारे लिए रेवेन्यू से ज्यादा अयोध्या की आस्था का महत्व है। शराबबंदी से क्षेत्र की आध्यात्मिक अस्मिता को अक्षुण्ण बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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