काशी के श्रीरामकुंड में 'श्री राधाकृष्ण नौकाविहार' का आयोजन, कला और भक्ति का दिखा संगम 

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वाराणसी। काशी की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से जुड़े श्रीरामकुंड (गुरुबाग, श्रीनगर कॉलोनी) में रविवार को पहली बार 'श्री राधाकृष्ण नौकाविहार' का ऐतिहासिक आयोजन भक्ति, कला और श्रद्धा से परिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन का नेतृत्व श्री अग्रसेन युवा मंच काशी परिवार ने किया, जिसमें श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इसे अविस्मरणीय बना दिया।

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कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 5 बजे श्रीकृष्ण के आगमन और बांसुरी वादन के साथ हुआ, जिसने श्रद्धालुओं को द्वापर युग की अनुभूति करा दी। इसके बाद श्रीराधा जी का सखियों संग यमुना तट आगमन, मटकी फोड़ना, श्रीकृष्ण जी से संवाद और रूठने-मनाने की भावनात्मक लीलाएं प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा 15 मिनट का नौकाविहार, जिसमें नौका पर राधा-कृष्ण की सुंदर झांकी और लीला का मंचन किया गया। जयकारों से गूंजते श्रीरामकुंड का दृश्य मानो वृंदावन जैसा दिव्य अनुभव प्रदान कर रहा था।

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राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा 'दयालु  मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा, “रामकुंड हमारी सनातन आस्था का प्रतीक है। यह आयोजन काशी की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अनूठा प्रयास है।” मंच अध्यक्ष अतुल अग्रवाल 'श्याम के दास' ने इसे मंच का स्वप्न बताते हुए समाज में प्रेम और एकता के संदेश का वाहक बताया। मंच महामंत्री सौरभ अग्रवाल ने आयोजन को काशी की सांस्कृतिक परंपरा के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरक कदम बताया। वरिष्ठ भंडार प्रबंधक नितीश अग्रवाल (IRSS) ने इसे कला, अध्यात्म और समर्पण का संगम बताया।

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इस सफल आयोजन के लिए मंच के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और वालंटियर्स ने दिन-रात मेहनत की। श्रद्धालुओं के लिए जलपान, सुरक्षा, मार्गदर्शन व बैठने की समुचित व्यवस्था रही। मंच ने श्रद्धालुओं, प्रशासन, मीडिया और काशीवासियों का आभार व्यक्त किया।

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