श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का तंदुल महाप्रसादम बना श्रद्धालुओं की पहली पसंद, लगातार बढ़ रही बिक्री
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाल ही में शुरू किया गया तंदुल महाप्रसादम श्रद्धालुओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। दस दिन पहले इसकी शुरुआत हुई थी, और वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 500 किलो महाप्रसादम मंदिर से बेचा जा रहा है। इस प्रसाद को बेलपत्र के चूर्ण, चावल के आटे, शुद्ध देशी घी, और मेवों से तैयार किया जाता है, जो इसे स्वादिष्ट और विशेष बनाता है। इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए मंदिर प्रशासन जल्द ही मंदिर परिसर में महाप्रसादम के काउंटर बढ़ाने की योजना बना रहा है।
मंदिर के एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि इस प्रसाद की बिक्री दशहरा से शुरू हुई थी, और पहले दिन से ही इसकी खपत प्रतिदिन 300 से 350 किलो के बीच थी। लेकिन अब इसकी लोकप्रियता के कारण यह आंकड़ा 500 किलो तक पहुंच गया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और मांग को देखते हुए, जल्द ही मंदिर परिसर में और अधिक काउंटर खोले जाएंगे ताकि अधिक लोग इस महाप्रसादम का लाभ उठा सकें। मंदिर प्रशासन की योजना है कि दीपावली के बाद देश भर में श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादम को और भी सुलभ बनाया जाए। इसके लिए डाकखाने और हेल्पडेस्क के माध्यम से प्रसाद की होम डिलीवरी की सुविधा शुरू की जाएगी, ताकि जो लोग मंदिर तक नहीं आ सकते, वे भी इस प्रसाद का आनंद ले सकें।
महाप्रसादम बनाने की प्रक्रिया विशेष है। इसे बनाने वाले कारीगर स्नान और पूजन के बाद ही प्रसाद तैयार करने के लिए जाते हैं। प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का भी खास ध्यान रखा जाता है। बाबा विश्वनाथ पर चढ़ाए गए बेलपत्र, चावल के आटे, शुद्ध घी और मेवों से इस प्रसाद को तैयार किया जाता है। प्रसाद में प्रयोग होने वाला चावल अमूल डेयरी खुद उगाती है, जबकि शुद्ध घी यूपी के किसानों से लिया जाता है। बनास डेयरी में प्रसाद की सभी सामग्री से इसे तैयार किया जाता है, जो इसे विशिष्ट और शुद्ध बनाती है।
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