सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय में 365 दिन तक गूंजेंगे चारों वेदों के श्लोक, वीरान पड़े हवन कुंड में अर्पित की जाएंगी यज्ञ आहुतियां

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वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में एक बार फिर से वेद व यज्ञ परम्परा जीवंत होने वाली है। वीरान पड़े हवन कुंड में आहुतियां फिर से दी जाएंगी। 232 वर्षों के इतिहास में पहली बार परिसर में चारों वेदों के श्लोक गूंजेंगे और यज्ञ कुंड में आहुतियां अर्पित की जाएंगी। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से प्रतिदिन तीन घंटे विश्वकल्याण के लिए यज्ञ अनुष्ठान किए जायेंगे। 

कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के मुताबिक, प्राच्यविद्या के केंद्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ के तहत प्रतिदिन हवन किया जाएगा। हवन से पर्यावरण शुद्धि के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। औषधि युक्त हवन सामग्री से यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होगा। रोगाणुओं, कीटाणुओं व वायरस का संक्रमण नष्ट होगा। वेद विभाग की यज्ञ शाला में निरंतर हवन होगा।


कुलपति प्रो. शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के वेद विभाग के अंतर्गत स्थापित स्मार्त यज्ञशाला में आचार्यों और विद्यार्थियों द्वारा विधि-विधान से चतुर्वेद स्वाहाकार विश्व-कल्याण महायज्ञ किया जाएगा। इसके लिए वास्तुविद आरसी जैन व उद्योगपति आरके चौधरी ने हवन से संबंधित संपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति निरंतर देने का संकल्प लिया है। वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. महेंद्र पांडेय और सहायक आचार्य डॉ. विजय कुमार शर्मा को अधिकृत किया गया है।
 

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