मुगलों से संघर्ष के दौरान काशी आए थे शिवाजी महाराज, वाराणसी में छत्रपति की प्रतिमा स्थापित करने की उठी मांग
शिवसेना (शिंदे गुट) के पदाधिकारियों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदू धर्म के संरक्षक और राष्ट्र गौरव के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में हिंदू संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए कई बलिदान दिए। ऐसे में वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक नगर में उनकी प्रतिमा स्थापित करना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक होगा।
पार्टी ने वाराणसी के केंद्रीय कारागार के समीप निर्माणाधीन तिराहे को इस कार्य के लिए उपयुक्त बताया है। उनका कहना है कि यह स्थान शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ा है, क्योंकि इतिहास के अनुसार, औरंगजेब के खिलाफ संघर्ष के दौरान वे वाराणसी आए थे और यहां पंचकोशी यात्रा भी की थी। इसी दौरान उन्होंने अपने हाथों से महाकाली की प्रतिमा स्थापित की थी, जिससे यह स्थान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।
शिवसेना (शिंदे) ने मांग किया है कि इस प्रस्ताव को प्राथमिकता दी जाए और जल्द से जल्द शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना की अनुमति प्रदान की जाए। पार्टी ने यह भी कहा कि इससे न केवल ऐतिहासिक धरोहर को संजोने में मदद मिलेगी, बल्कि काशी आने वाले श्रद्धालुओं को भी शिवाजी महाराज के महान कार्यों से अवगत होने का अवसर मिलेगा।

