बदहाली के कगार पर शंकुलधारा पोखरा, लाखो रुपए खर्च कर हुआ था जीर्णोद्धार

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वाराणसी। शहर के बीचों - बीच स्थित प्राचीन शंकुलधारा पोखरा इन दिनों बदहाली के कगार पर है। हृदय योजना से जीर्णोद्धार किए जाने के बाद भी बदहाली के कगार पर आए पोखरे को लेकर लोगो में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोग नगर निगम की कार्यशैली और कार्य योजनाओं पर सवाल उठा रहे है। शहर दक्षिणी विधानसभा में स्थित पोखरे की दैनीय स्थिति को लेकर स्थानीय लोग काफी परेशान है। स्थानीय लोगों के अनुसार पोखरी में मूर्ति विसर्जन होने के बाद नगर निगम के कर्मचारी सही से पोखरी की सफाई नहीं करते हैं। जिससे पोखरी का पानी खराब हो जाता है और दुर्गंध देने लगता है।
लाखो रुपए खर्च कर पोखरे का हुआ था जीर्णोद्धार
 वेदों और पुराणों में वर्णित काशी के शंकुल धारा पोखरे को लेकर लोगो ने बताया कि वर्ष 2017 में हृदय योजना के तहत इस पोखरे का कायाकल्प कराया गया था। सबसे आश्चर्य की बात यह कि उस समय इसकी साज-सज्जा तो करा दिया गया, लेकिन इसके रखरखाव की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। पोखरे के लिए हेरिटेज सिटी के अंतर्गत 18 लाख 83 हजार 701 रुपये खर्च किए गए। तब पोखरा कुछ देखने लायक बन पाया था, लेकिन साल बीतने के पश्चात नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी से एक बार फिर बदहाली के कगार पर पहुंच रहा है।  
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लाखो रुपए की स्ट्रीट लाइट और फव्वारा बना शो पीस
भेलूपुर के खोजवा स्थित शंकुलधारा पोखरे को लेकर स्थानीय लोगो ने बताया कि लाखो रुपए खर्च कर पोखरे के चारो तरफ स्ट्रीट लाइट लगवाया गया, लेकिन लाइट कभी जलता है तो कभी नही। बहुत सारी लाइट रख रखाव और अनदेखी की वजह से खराब पड़े हुए है। वही विगत करीब 4 महीने पूर्व नगर निगम के अधिकारियों के निर्देश फव्वारा लगाया गया था, लेकिन कुछ दोनो के पश्चात यह फव्वारा शो पीस बनकर रह गया है।
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पोखरे में मूर्ति विसर्जन बना दुर्दशा को सबसे बड़ा कारण 
बता दे कि किसी शंकुल धारा पोखरा में विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित होने वाली मूर्तियों का विसर्जन भी इसी पोखरे में जिला प्रशासन द्वारा कराया जाता है। जिसके साफ- सफाई की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की होती है, परंतु नगर निगम कुछ मूर्तियों को निकालने के बाद बाकी उसी पोखरे में छोड़ देता है।जिसमें पुआल और मिट्टी होने के कारण कुछ दिनों बाद इसमें विसर्जित की गई। मूर्तियां चढ़ने लगती है और जिससे दुर्गंध भी उठने लगता है। जो स्थानीय लोगों और राहगीरों के लिए समस्या का कारण बनता है।
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आए दिन इस पोखरे में मिलती है मरी हुई मछलियां
स्थानीय लोगो ने बताया कि धारा पोखरे में आए दिन मछलियां मरने की सूचना प्राप्त होती रहती है। मछली मरने का मुख्य कारण इस पोखरे की साफ-सफाई नहीं होना होता है। गंदगी के कारण इस पोखरे में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे मछलियां मरने लगती है। मछलियों को बचाने के लिए फव्वारा लगाया गया था परंतु वह भी कार्य करना बंद कर चुका है। और इस पोखरे में साफ-सफाई का भी काफी अभाव है।
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