सनातन मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाने के अभियान के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने किया समर्थन, अजय शर्मा की गिरफ़्तारी पर जताया रोष, कहा – आगे आये सनातनी समाज

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वाराणसी। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने काशी के सनातनी मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाने के कदम को शास्त्रसम्मत और सराहनीय बताया। उन्होंने सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा की गिरफ्तारी पर गहरा असंतोष जताया, जो मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाने के अभियान में सक्रिय थे।

सनातनी मंदिरों में साईं की प्रतिमा का हटाया जाना सही कदम

जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सनातनी मंदिरों में ऐसे व्यक्तियों की मूर्तियों को स्थापित करना जिनका शास्त्रों में कोई उल्लेख नहीं है, धर्म के विरुद्ध है। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि सनातन धर्म के अनुयायियों को ऐसी मूर्तियों से कोई प्रेरणा नहीं मिलती। साईं बाबा की मूर्ति हटाने का निर्णय मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक था। 

अजय शर्मा की गिरफ्तारी पर रोष

शंकराचार्य ने सनातन रक्षक दल के प्रमुख अजय शर्मा की गिरफ्तारी पर नाराजगी व्यक्त की, जो इस अभियान का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि मंदिरों की शुद्धि और परिष्कार का काम धार्मिक दृष्टिकोण से सही था, और इसके लिए किसी की गिरफ्तारी अनुचित है। उन्होंने प्रशासन के इस कदम को आश्चर्यजनक बताया और कहा कि हिन्दू धार्मिक कार्यों में ही अशांति का बहाना क्यों बनाया जाता है, जबकि अन्य धार्मिक गतिविधियों पर ऐसी प्रतिक्रिया नहीं होती।

सनातनी समाज को समर्थन के लिए आगे आना चाहिए

शंकराचार्य ने सनातनी समाज से अपील की कि वे अजय शर्मा और उनकी संस्था के समर्थन में खड़े हों। उन्होंने कहा कि इस कार्य को कानूनी रूप से चुनौती देने और न्यायालय में मजबूती से लड़ने की जरूरत है ताकि अजय शर्मा को पुलिस के चंगुल से मुक्त किया जा सके।
 

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