वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स ने सांसद कार्यालय में सौंपा ज्ञापन, वित्त विधेयक 2025 में पेंशन नियमों को वापस लेने की मांग

वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स ने सांसद कार्यालय में सौंपा ज्ञापन, वित्त विधेयक 2025 में पेंशन नियमों को वापस लेने की मांग
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वाराणसी,  वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स सेवा संस्थान, उत्तर प्रदेश की वाराणसी शाखा ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सांसद कार्यालय, वाराणसी में एक ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष राजेश्वर पाण्डेय के नेतृत्व में पहुंचे शिष्टमंडल ने वित्त विधेयक 2025 में पेंशन संबंधी विपरीत नियमों को वापस लेने, रेलवे किराये में छूट बहाल करने, मंहगाई राहत का आदेश कर्मचारियों के साथ एक साथ जारी करने, और 65, 70, 75 वर्ष की आयु पर क्रमिक पेंशन वृद्धि जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की मांग की।

शिष्टमंडल ने सांसद को संबोधित करते हुए कहा कि वाराणसी में उनके नेतृत्व में अभूतपूर्व विकास हो रहा है, लेकिन पेंशनर्स की समस्याओं पर ध्यान देना भी आवश्यक है। ज्ञापन में बताया गया कि 25 मार्च 2025 को संसद में पारित वित्त विधेयक 2025 के तहत केंद्रीय सरकार द्वारा संचित निधि पेंशन देयताओं पर व्यय के संदर्भ में किए गए संशोधन पेंशनर्स के लिए प्रतिकूल और संविधान विरोधी हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य पेंशनभोगियों को विभिन्न वर्गों में विभाजित करना और उन्हें भविष्य के लाभों से वंचित करना प्रतीत होता है, जो डी.एस. नकारा बनाम भारत सरकार के ऐतिहासिक निर्णय और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

वित्त विधेयक पर आपत्ति
पेंशनर्स ने आरोप लगाया कि वित्त विधेयक 2025 में किए गए संशोधन आठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों से पेंशनर्स को मिलने वाले लाभों को सीमित करते हैं। वित्त मंत्री के बयान से भी स्पष्ट नहीं है कि भविष्य में गठित आठवें वेतन आयोग के लाभ पुराने पेंशनर्स को मिलेंगे या नहीं, जिससे पेंशनर्स समुदाय में असमंजस और असंतोष है। जीवन के अंतिम पड़ाव पर वित्तीय असुरक्षा को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

मुख्य मांगें
शिष्टमंडल ने केंद्र सरकार से निम्न मांगें रखीं:

वित्त विधेयक 2025 में पेंशन संबंधी विपरीत संशोधनों को तत्काल समाप्त किया जाए।

कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते के साथ पेंशनर्स की मंहगाई राहत का आदेश एक साथ नियमित रूप से जारी हो।

कोरोना काल में बंद की गई रेलवे किराये में छूट की सुविधा वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहाल की जाए।

पेंशन राशिकरण की समय सीमा 15 वर्ष के बजाय 11 वर्ष की जाए।

65, 70, और 75 वर्ष की आयु पर पेंशन में क्रमिक वृद्धि का लाभ दिया जाए।

पेंशनर्स का भरोसा
शिष्टमंडल ने विश्वास जताया कि सांसद और केंद्र सरकार पेंशनर्स की भावनाओं का सम्मान करते हुए संवेदनशील और न्यायोचित निर्णय लेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पाण्डेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. आनंद लाल, जिला मंत्री जयराज बहादुर सिंह, मंडल अध्यक्ष दीपेंद्र कुमार श्रीवास्तव, नगर अध्यक्ष उमेश बहादुर सिंह, कोषाध्यक्ष बंशी लाल जायसवाल, सक्रिय सदस्य इं. सी.बी. सिंह, और इं. संजय कुमार श्रीवास्तव शामिल थे।

स्थानीय प्रतिक्रिया
ज्ञापन सौंपने के बाद पेंशनर्स ने कहा कि वे अपने हक के लिए लगातार आवाज उठाते रहेंगे। एक पेंशनर ने कहा, "हमने देश की सेवा की है, और अब जीवन के इस पड़ाव पर हमें सम्मान और वित्तीय सुरक्षा चाहिए।" इस घटना ने वाराणसी में पेंशनर्स के बीच एकजुटता और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता को दर्शाया।

आगे की उम्मीद
पेंशनर्स अब सांसद कार्यालय और केंद्र सरकार से सकारात्मक जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह ज्ञापन वाराणसी के वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनर्स की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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