संकट मोचन संगीत समारोह :  ड्रम व मेंडोलिन की जुगलबंदी से गुंजायमान रही हनुमंतलाल की अंगनाई, झूम उठे दर्शक 

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वाराणसी। संकटमोचन संगीत समारोह (Sankat mochan sangeet samaroh) की दूसरी निशा की शुरुआत पद्मश्री शिवमणि (Drum player Shivamani) के ड्रम व मेंडोलिन की जुगलबंदी के साथ हुई। शिवमणि के ड्रम का जादू घंटे भर तक दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता रहा। इसके बाद कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया। 

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शिवमणि की टीम रविवार की शाम छह बजे के पहले ही मंदिर पहुंच चुकी थी। हालांकि, म्यूजिक का सेटअप तैयार करने में दो घंटे लग गए। रात आठ बजे से प्रस्तुतियों का क्रम शुरू हुआ। शिवमणि ने शंखनाद से शुरुआत की। उनके ड्रम की आवाज पर भक्त झूमते नजर आए। वहीं यू राजेश के मैंडोलीन वादन ने भी अपना जादू बिखेरा। 

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ड्रम, मेंडोलिन व कीबोर्ड की जैमिंग कर वैष्णव जन तो तेने के कहिए और रघुपति राघव राजाराम, की धुन निकाली। इससे माहौल राममय हो गया। भक्त झूमते नजर आए। ड्रम, मैंडोलिन और कीबोर्ड से निकलने वाली सुरलहरियों का जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा था। इस बीच कभी घुंघरुओं की झंकार मुखर हो रही थी तो कभी तबले पर ताल।

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शिवमणि के माता-पिता भी इस दरबार में उपस्थित रहे। अंत में सभी कलाकारों ने मिलकर महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र को अंगवस्त्रम और दक्षिण भारत की विशेष माला भेंट कर अभिनंदन किया। इसके अलावा पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट (Pandit vidhwamohan Bhatta) के वीणा वादन समेत अन्य कलाकारों ने कुल सात प्रस्तुतियां दीं और दर्शकों को भोर तक बांधे रहा।

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