संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मंदिर प्रबंधन में पढ़ाई, एक अप्रैल से 13 पाठ्यक्रमों में दाखिला 

Sampurnanand Sanskrit university
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वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मंदिर प्रबंधन पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई है। एक अप्रैल से 13 पाठ्यक्रमों में दाखिला होगा। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय मंदिर प्रबंधन में पढ़ाई कराने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है। 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिहारीलाल शर्मा के अनुसार मंदिर प्रबंधन पाठ्यक्रम में मंदिर निर्माण के सिद्धांत, मूर्ति प्रतिष्ठा, प्राण प्रतिष्ठा, वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन, भीड़ प्रबंधन, मंदिर के लिए भूखंड का चयन और निर्माण के लिए जरूरी वास्तुशास्त्री सिद्धांतों को शामिल किया गया है। 

देश-विदेश के दो हजार विद्यार्थी ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र में पंजीकृत हैं। अभ्यर्थियों की मांग पर मंदिर प्रबंधन के साथ ही पालि और प्राकृत पाठ्यक्रम में भी दाखिला होगा। निदेशक प्रोफेसर रमेश प्रसाद ने बताया कि कर्मकांड, वेद, अर्चक, ज्योतिष एवं कुंडली विज्ञान, वास्तु विज्ञान, भाषा शिक्षण, योग दर्शन, वेदांत, व्याकरण, पालि, प्राकृति और मंदिर प्रबंधन पाठ्यक्रम में एक अप्रैल से 15 मई तक ऑनलाइन दाखिले होंगे। 

प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.ssvvostc.ac.in पर आवेदन किया जा सकता है। त्रैमासिक पाठ्यक्रम के लिए एक हजार, छह माह के पाठ्यक्रम के लिए 1500 और वार्षिक डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए दो हजार रुपये शुल्क निर्धारित है। दाखिले के लिए कोई योग्यता निर्धारित नहीं है।

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