गैस कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ अनोखा विरोध, सपा नेता ने कूड़ा गाड़ी में फेंका सिलेंडर, हाथ पर बांधी काली पट्टी
वाराणसी। शहर में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद राजनीतिक विरोध की लहर शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व पार्षद रविकांत विश्वकर्मा ने अनोखे अंदाज में अपना विरोध जताया। उन्होंने अपने घर में रखे दो गैस सिलेंडरों को नगर निगम की कूड़ा गाड़ी में रखकर उसे कर्मचारियों को सौंप दिया। रविकांत का कहना है कि अब रसोई गैस आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है और हालात ऐसे बन गए हैं कि गरीब परिवारों के लिए चूल्हा जलाना मुश्किल हो गया है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व पार्षद ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधी और सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के जरिए पहले गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन अब उन्हीं से गैस वापस छीनी जा रही है। महंगाई के इस दौर में सिलेंडर की कीमतें बार-बार बढ़ाई जा रही हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है।

रविकांत विश्वकर्मा ने कहा, "अगर यही सिलसिला चलता रहा तो बहुत जल्द गांवों और शहरों में लोग फिर से लकड़ी और गोबर के उपलों का सहारा लेने पर मजबूर हो जाएंगे।" उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि बढ़े हुए दाम तुरंत वापस लिए जाएं, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

वाराणसी में उज्ज्वला योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 2 लाख 49 हजार गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को सरकार हर साल 12 सिलेंडरों पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी देती है। लेकिन अब जो बढ़ोतरी हुई है, उसका असर उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर भी पड़ेगा। इससे गरीब तबका, जो पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहा है, अब और अधिक परेशान होगा।

