सपा नेता हरीश मिश्रा पर हमले से भड़के सपाई, नेता प्रतिपक्ष ने प्रशासन को घेरा, एफआईआर वापस लेने की मांग

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वाराणसी। समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा पर शनिवार को हुए हमले के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। इस मामले में हरीश मिश्रा समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सपा नेताओं ने इसे प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई बताया है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की और उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी।

नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस को ज्ञापन सौंपते हुए 50 अज्ञात लोगों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की। उनका कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है और सपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। इसके साथ ही लाल बिहारी यादव ने मंडलीय अस्पताल, कबीर चौरा पहुंचकर घायल सपा नेता हरीश मिश्रा से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मिश्रा को हर संभव मदद और न्याय दिलाने का भरोसा भी दिया।

लाल बिहारी यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह हमला सरकार प्रायोजित प्रतीत होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से आगरा में करणी सेवा के नाम पर खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है, वह दर्शाता है कि प्रदेश में कानून का कोई डर नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, "इस प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। जो जिम्मेदारी सरकार की है — लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखना — वही सरकार अब अपराधियों को संरक्षण दे रही है।"

उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सत्ता माफियाओं और गुंडों को खुलेआम प्रोत्साहन दे रही है। कानून के रखवाले अब अपराधियों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। सपा नेता ने मांग की कि सरकार ऐसे अपराधियों को सजा दिलवाए, न कि उन्हें सरंक्षण दे।
 

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