करणी सेना पर दिए बयान के बाद सपा नेता हरीश मिश्रा पर जानलेवा हमला, दो हमलावरों को भीड़ ने दबोचा
इस बीच करीब आधा दर्जन लोगों ने मिश्रा को घेर लिया और लाठी-डंडों से पीटने लगे। हमलावरों के हाथ में चाकू भी थे, जिससे मिश्रा पर वार करने की कोशिश की गई। हालांकि, शोर सुनकर मोहल्ले के लोग मौके पर आ गए और हमलावरों को खदेड़ दिया। इस दौरान दो हमलावरों को भीड़ ने पकड़ लिया और जमकर धुनाई की। पकड़े गए युवकों में एक की पहचान अविनाश मिश्रा के रूप में हुई है, जो पांडेयपुर का रहने वाला है। उसने खुद को करणी सेना का सदस्य बताया और स्वीकार किया कि वह "मां करणी का अपमान" करने के विरोध में यह हमला करने आया था।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों आरोपियों को भीड़ से छुड़ाकर हिरासत में ले लिया है और थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं सपा नेता हरीश मिश्रा को सिर में गंभीर चोट आई है। इस घटना में करणी सेना के कार्यकर्ताओं को भी चोट आई है। पुलिस ने उन्हें इलाज के लिए भेजा है। घटना के बाद मिश्रा कार्यवाही को लेकर सिगरा थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं।

इस मामले में डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने बताया कि दोनों पक्षों में कहासुनी और मारपीट हुई है । दोनों पक्षों को चोटें आई हैं, उपचार हेतु पुलिस द्वारा ले जाया गया है, विधिक कार्यवाही की जा रही है।

क्या है विवाद की जड़?
हमले की वजह हरीश मिश्रा का हालिया बयान बताया जा रहा है, जो उन्होंने करणी सेना पर तीखी टिप्पणी करते हुए दिया था। दरअसल, कुछ दिनों पहले करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद के घर में कथित तोड़फोड़ की घटना हुई थी। इसी के विरोध में हरीश मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर करणी सेना को खुली चुनौती देते हुए कहा था, "बहुत ज्यादा लड़ने की तड़प है तो मैदान तय करो। पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को मारने का शौक है तो हमें भी मौका दो। पुलिस हटा लो, परमिशन लेकर आओ, मैदान में आओ, फरिया लो—हम भी तैयार हैं।"

