‘आरआरआर’ रणनीति से बढ़ी जनपद में महिला नसबंदी की संख्या

आधुनिक अस्थाई साधन अंतरा व छाया में महिलाओं की बढ़ रही दिलचस्पी
वाराणसी। जिले में शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और सीमित व खुशहाल परिवार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए परिवार कल्याण कार्यक्रम को गति दी जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य टीम के प्रयास से जिले में महिला नसबंदी का ग्राफ बढ़ा है। परिवार नियोजन के अन्य स्थायी साधन (पुरुष नसबंदी) और अस्थायी साधन (गर्भनिरोधक) के लिए बास्केट ऑफ च्वॉइस पर भी जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आरआरआर यानि रिव्यू, रिमाइंड और रिजल्ट की रणनीति से परिवार कल्याण कार्यक्रम को गति दी जा रही है। इसमें नियत दिवस, अंतराल दिवस (हर शुक्रवार) और खुशहाल परिवार दिवस (21 तारीख) की उपलब्धियों का गहन मूल्यांकन व डाटा अध्ययन किया जा रहा है। इसमें कमी पाई जाने पर सभी चिकित्सा अधीक्षकों, प्रभारी चिकित्साधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक, ब्लॉक अकाउंट मैनेजर, डाटा ऑपरेटर, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं व संगिनियों को अनुस्मरण कराया जा रहा है। इसका परिणाम देखने को मिल रहा है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में जनपद में महिला नसबंदी की संख्या 6,679 थी जो 2022-23 में बढ़कर 9,456 हो गई। वहीं अप्रैल 2021 में इस माह 142 महिला नसबंदी हुईं। अप्रैल 2022 में 196 और अप्रैल 2023 में 301 नसबंदी हुई हैं। जबकि पुरुष नसबंदी वर्ष 2017-18 में 25 थी जो 2022-23 में बढ़कर 98 हो गई।
सीएमओ ने कहा कि अस्थायी साधनों जैसे अंतरा तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, आईयूसीडी (कॉपर-टी), कंडोम आदि सेवाओं पर भी पूरा जोर दिया जा रहा है। परिवार नियोजन के आधुनिक साधन अंतरा व छाया में महिलाओं की दिलचस्पी बढ़ रही है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ. एचसी मौर्य ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
पुरुष नसबंदी कराने पर लाभार्थी को 3000 रुपये, प्रसव पश्चात महिला नसबंदी कराने पर 3000 रुपये, सामान्य महिला नसबंदी पर 2000 रुपये, आईयूसीडी व पीपीआईयूसीडी लगवाने पर 300 रुपये और अंतरा की एक डोज़ लगवाने पर 100 रुपये लाभार्थी को दिये जाते हैं। लाभार्थी को स्वास्थ्य केंद्र तक लाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर अस्थाई साधन की सुविधा उपलब्ध है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी हरिवंश यादव ने बताया कि यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ, पीएसआई इंडिया व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्था का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
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