वाराणसी में रोपवे कार्य को मिली रफ्तार, खड़े होने लगे टावर, बन रहे स्टेशन
वाराणसी। शहर में रोपवे (Varanasi rope-way) निर्माण कार्य को गति मिलने लगी है। रोपवे के लिए टावर खड़े किए जा रहे हैं। वहीं सीमेंट के बेस पर स्टील के बड़े-बड़े टावर खड़े हो रहे हैं। वहीं कैंट (Cant), काशी विद्यापीठ (kashi Vidyapeeth) और गोदौलिया (Godowlia) स्टेशन का काम भी चल रहा है। पहले चरण का काम 2025 तक रोपवे का काम पूरा करना है। यह देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट (Urben transport rope-way) रोपवे है।
सिगरा (Sigra) चौराहे से सिद्धगिरीबाग (siddhgiribag) जाने वाले मार्ग पर 25 मीटर की ऊंचाई पर सीमेंट के बेस पर स्टील के बड़े-बड़े टावर खड़े किए जा रहे हैं। टावर खड़े करने के लिए बड़े-बड़े क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। रात में रास्ता बंद करके काम कराया जा रहा है।
रोपवे के पहले चऱण का काम गैर प्रांत व इलाकों से आने वाले श्रद्धालुओं को श्री काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath dham) का सुलभ दर्शन कराने के उद्देश्य से कराया जा रहा है, वहीं काशीवासियों को भी जाम की समस्या से निजात मिलेगी। निर्माण कार्य की नियमित निगरानी की जा रही है।
रोपवे के गंडोला को दशाश्वमेध प्लाजा (Dashaswamedh) पर लोगों को देखने के लिए रखा गया है। एनएचएमएल (NHML) के अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखकर रोपवे के टावर खड़े किए जा रहे हैं। इसलिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है और रात में अधिकतर काम कराया जा रहा है।
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