काशी के महान विभूतियों के नाम पर रखे जाएंगे सड़कों के नाम, दिखेगी सांस्कृतिक विरासत, गलियों को भी मिलेगी साहित्यिक पहचान

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वाराणसी। काशी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को और सशक्त करने के लिए नगर निगम सदन ने एक अहम फैसला लिया है। अब शहर की प्रमुख सड़कों और गलियों के नाम भारत रत्न, पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित महान विभूतियों के नाम पर रखे जाएंगे। मेयर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई नगर निगम की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

नगर निगम के इस निर्णय के तहत गिरिजा देवी, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, कंठे महाराज, पंडित किशन महाराज, सिद्धेश्वरी देवी, जद्दन बाई, सामता प्रसाद उर्फ गुदई महाराज और डॉ. जयशंकर दुबे जैसी काशी की महान विभूतियों के नाम पर सड़कों और गलियों का नामकरण किया जाएगा।

काशी के महान विभूतियों के नाम पर रखे जाएंगे सड़कों के नाम, दिखेगी सांस्कृतिक विरासत, गलियों को भी मिलेगी साहित्यिक पहचान

मेयर ने कहा कि शहर के शिलापट्टों पर इन विभूतियों के नाम अंकित किए जाएंगे ताकि लोग इन महान कलाकारों और विद्वानों के योगदान को पहचान सकें। यह पहल काशी की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

सेंट्रल जेल तिराहे से हुई पहल की शुरुआत

इस पहल की शुरुआत वाराणसी के सेंट्रल जेल तिराहे से कर दी गई है। यहां न केवल महान विभूतियों की तस्वीरें लगाई गई हैं, बल्कि उनके द्वारा जिस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया है, उससे संबंधित प्रतिमाएं (स्टैचू) भी स्थापित की गई हैं। इससे शहर में आने वाले पर्यटकों को इन महान हस्तियों के बारे में जानने और समझने का अवसर मिलेगा।

काशी के महान विभूतियों के नाम पर रखे जाएंगे सड़कों के नाम, दिखेगी सांस्कृतिक विरासत, गलियों को भी मिलेगी साहित्यिक पहचान

काशीवासियों की लंबे समय से थी मांग

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि काशी के पार्षदों और स्थानीय नागरिकों द्वारा लगातार यह मांग की जा रही थी कि शहर के प्रमुख चौराहों और सड़कों के नाम महान कलाकारों, संगीतकारों और विद्वानों के नाम पर रखे जाएं। जनता की इस मांग को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इस फैसले का स्वागत करते हुए वरिष्ठ नगरवासी राजनाथ तिवारी ने कहा कि यह पहल काशी के पर्यटन क्षेत्र को और समृद्ध करेगी। उन्होंने कहा कि जब पर्यटक इन चौराहों से गुजरेंगे, तो वे महान विभूतियों की तस्वीरें और स्टैचू देखकर उनके योगदान को समझ सकेंगे। यह काशी की संस्कृति और परंपरा को एक नई पहचान देने में मदद करेगा।
 

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