सालों से नरक में जीने को मजबूर बनारस के इस इलाके के लोग, न विधायक झांकने आए न पार्षद का अता-पता
- डीएलडब्ल्यू के पास कंचनपुर से सटी कॉलोनियों का हाल
- कई साल से सड़क का हाल खस्ताहाल
- खुले में बह रहा सीवर, मच्छर कर रहे बेहाल
- स्मार्ट सिटी के कंचनपुर इलाके का यह हाल
वाराणसी। देश की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली काशी में विकास का डंका बज रहा है। हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। कई इलाकों में धरातल पर विकास दिख भी रहा है, लेकिन स्मार्ट सिटी का कंचनपुर और कंदवा से सटा इलाका आज भी इससे अछूता है। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) कैंपस से सटी दर्जन भर कालोनियों की सड़क वर्षों से खस्ताहाल हैं। बारिश के दिनों में स्थिति और भी नारकीय हो गई है। सड़कों पर सीवर का गंदा पानी बह रहा है। इससे मच्छरों का प्रकोप काफी अधिक बढ़ गया है। इस इलाके के वाशिंदें खराब सड़क के साथ ही संक्रामक बीमारियों के खतरे से भी जूझ रहे हैं। कई बार गुहार के बावजूद जनप्रतिनिधि मौन साधे हुए हैं। इससे समस्या बनी हुई है।
बच्चे और बुजुर्ग फिसल कर गिर जाते हैं
इलाके में केंद्रीय विद्यालय कंचनपुर, गनेशपुर, पहाड़ी, मीरानगर, अवधपुरी, कृष्णानगर, कर्दमेश्वर नगर, परमहंस नगर इलाके के लोगों की लाइफ लाइन बरेका की सड़कों की सालों से मरम्मत नहीं कराई गई। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। गड्ढों में बरसात का पानी भर गया है। इससे लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा। बच्चे सड़क खराब होने की वजह से किसी प्रकार गिरते पड़ते स्कूल जाने को विवश है। इस इलाके में ज्यादातर बरेका से रिटायर कर्मचारी रहते हैं, जिन्हें बुढ़ापे में बैंक या अन्य जरूरी काम से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार सड़क पर बुजुर्ग और बच्चे फिसल कर गिरते देखे जाते हैं। वहीं अन्य राहगीर भी गिरकर चोटिल होते रहते हैं। बरसात में तो स्थिति और भी नारकीय हो गई है। बता दें कि ये पूरा इलाका हाल ही में नगर निगम में शामिल किया गया है। मगर पूरा इलाका नगरीय सुविधाओं से काफी दूर है।
बोले कालोनीवासी
सनबीम स्कूल के छात्र तनिष्क ने बताया कि 2019 में वह यहां रहने आए, तब से सड़क का हाल ऐसा ही है। इससे स्कूल और कोचिंग जाने में काफी दिक्कत होती है। किसी तरह कीचड़युक्त सड़क पर बचते-बचाते साइकिल से कोचिंग जाते हैं। वहीं गृहणी ममता उपाध्याय ने बताया कि इलाके के सड़कों की हालत खस्ताहाल है। बगल में ही केंद्रीय विद्यालय है। स्कूली बच्चों को काफी परेशानी होती है। बगल के मंदिर में जाते समय भी कीचड़ लग जाता है। इलाके की स्थिति काफी नारकीय है। कई बार राहगीर और बाइक सवार गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
कभी झांकने नहीं आया कोई जनप्रतिनिधि
मीरा नगर निवासी रिंकू पांडेय, अवधपुरी कालोनी निवासी यशवंत सिंह, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। इसकी वजह से सड़क पर कीचड़ और फिसलन है। यहां तक कि स्कूली बच्चों के वाहन भी फंस जाते हैं। पिछले 15 सालों से सड़क का यही हाल है। नागरिकों ने कहा कि पार्षद, विधायक, एमएलसी समेत सभी से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई झांकने तक नहीं आया। सभी लोग मोदी-योगी के नाम पर जीतकर आ गये हैं। समाधान तो दूर की बात है इन लोगों को क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को सुनने का वक्त ही नहीं है। जनप्रतिनिधि भी सिर्फ चुनाव के समय आते हैं, उसके बाद कभी कोई नहीं आया। सिर्फ आश्वासन दिया जाता है।
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