Ravidas Jayanti: श्रद्धालुओं के जूते चमकाना भी एक प्रकार का सेवाभाव, 20 वर्षों से संत शिरोमणि की जन्मस्थली पर सेवा दे रहे ‘सेवादार’
वाराणसी। रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर सीर गोवर्धन में गुरूवार को जगह-जगह सेवा और समर्पण के दृश्य दिखाई दिए। एक तरफ रविदास मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी थी, तो दूसरी ओर भीड़ नियंत्रित करने के लिए सैकड़ों सेवादार अपनी-अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद दिखे। जिसे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह उसे पूरी निष्ठा के साथ निभा रहा है।
मंदिर के ठीक सामने वाली गली में जूता स्टैंड बना है। इस स्टैंड पर लोग धूल में सने जूते रख कर जा रहे हैं और जब लौट रहे हैं तो उनके जूते चमचमाते हुए मिल रहे हैं। जूता स्टैंड पर सेवा देने वाले भक्तों ने बताया कि दूसरों के जूते साफ करना भी धर्म का ही काम है। हम यह सेवा करके खुद को आनंदित महसूस कर रहे हैं। हम लोग पिछले 20 वर्षों से यहां पर आए दर्शनार्थियों को निशुल्क सेवा देते हैं। किसी से भी किसी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाता है।
बताया कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं जिनका जोड़ा (जूता) निशुल्क जूता स्टैंड में रखा जाता है। हम लोग इस प्रकार से सेवा करते हैं कि किसी को किसी भी प्रकार का कष्ट न होने पाए। जिनका जूता गंदा रहता है उन पर पॉलिश भी किया जाता है। पोलिश करके अच्छे से चमकाया जाता है।
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