#Ramotsava2024 देश में पहली बार अयोध्या के पौराणिक,भौगोलिक,ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक अध्ययन पर सर्टिफिकेट कोर्स तैयार
वाराणसी। देश में एक ओर जहाँ अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। संपूर्ण भारत राममय हो रहा है, वहीं दूसरी और बीएचयू के छात्र प्रिंस तिवारी ने भगवान राम के आदर्शों एवं रामायण के संस्कारों को जन-जन तक पहूँचाने के लिए भगवान राम के जीवन पर एक विद्यालय स्कूल ऑफ राम चला रहे हैं। इस स्कूल ऑफ राम में एक माह का सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया है जिसमें अयोध्या के पौराणिक,भौगोलिक,ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक महत्व को समझाया जाएगा। इसी के साथ विद्यार्थियों को अयोध्या जन्मभूमि विवाद के इतिहास के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। साथ ही मंदिर निर्माण के लिए नींव की पत्थर बनी महान विभुतियों के जीवन के बारे में भी अवगत करवाया जाएगा।
स्कूल ऑफ राम के संयोजक बीएचयू के छात्र प्रिंस तिवारी ने बताया कि अयोध्या समूची भारतीय चेतना की प्रतिनिधि हैं। अयोध्या अनादिकाल से भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का नाभिकीय केंद्र रही हैं। और राम जिस शील,विनय ओर मर्यादा के लिए जाने जाते हैं, अयोध्या उसका बीज केंद्र हैं। इस कोर्स में हम रामत्व और अयोध्या के पौराणिक एवं आधुनिक स्वरूप की विराटता तो नए संदर्भों में देखेंगे । यह ऑनलाइन कोर्स 20 जनवरी से शुरू होगा। जिसमें कोई भी व्यक्ति निःशुल्क हिस्सा बन सकता है।
स्कूल ऑफ राम भगवान श्री राम के जीवन पर शुरू हुआ विश्व का पहला वर्चुअल विद्यालय है। जिसकी शुरुआत मार्च 2021 में की गई थी । आज देश-विदेश से रामायण में अपनी रुचि रखने वाले लगभग 3000 से अधिक रामभक्त इस विद्यालय से जुड़कर भगवान राम के जीवन से सबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपना अध्ययन कर रहे हैं। स्कूल ऑफ राम का उदेश्य भगवान श्री राम के आदर्शों एवं रामायण के संस्कारों को अभिनव तरीकों से जन-जन तक लेकर जाना हैं। ताकि देश के हर नागरिक के हृदय में अयोध्या तैयार हो। हर घर में लव-कुश,ध्रुव,प्रह्लाद जैसे बालक तैयार हों।
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