Ramnagar ki ramlila 2023 : प्रभु श्रीराम ने अत्याचारी रावण का किया अंत, जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा लीला क्षेत्र
संवाददाता डा. राकेश सिंह
वाराणसी। अतंत वह घड़ी आ ही गई, जिसका समय और काल को इंतजार था। जिस पल का देवताओं को इंतज़ार था। जिसके लिए श्री राम वन आए थे और जिस पल का उनकी अर्धागिनी सीता को इंतज़ार था। रावण के अहंकार ने तो उसका सर्वस्व छीन ही लिया था। रोने वाला भी कोई नही बचा था। रामलीला के 26वें दिन के रावण बध के प्रसंग का मंचन किया गया।
रावण अपने सारथी को डांटता है कि तुमने मेरा रणभूमि छुड़ाया। वह युद्ध करता है और कई तरह का माया दिखाता है। यह सब देख विभीषण श्रीराम को रावण की नाभि में तीर मारने को कहते हैं। श्रीराम उसके नाभि में तीर मारते हैं और रावण का अंत हो जाता है। विभीषण रावण की मृत्यु पर विलाप करते हैं। श्रीराम विभीषण से शोक छोड़ रावण की अंत्येष्टि करने को कहते हैं। विभीषण रावण को मुखाग्नि देते हैं। रावण का शरीर धू-धू कर जलता है और राख हो जाता है। उसकी आत्मा उसका शरीर छोड़ दूसरे लोक चली जाती है।
रावण के खानदान से सिर्फ विभीषण ही बचे थे। वहीं कुछ परिजन भी रहते हैं, जो विभीषण के साथ आग लेकर रावण के पुतले के पांच चक्कर लगाते हैं। विभीषण फिर रावण को मुखाग्नि देते हैं। रावण के अंत के साथ ही लीला क्षेत्र जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठता है और पूरा माहौल राममय हो जाता है।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।