Ramnagar ki ramlila 2023 : रामनगर किले में भव्य समारोह में रामलीला के स्वरूपों की विदाई, पहली बार दिन में हुआ आयोजन

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संवाददाता डा. राकेश सिंह

वाराणसी। रामनगर की रामलीला के मुख्य स्वरूपों को शनिवार को रामनगर किले के हाथी गेट के पास आयोजित भव्य और ऐतिहासिक समारोह में विदाई दी गई। चंद्रग्रहण के चलते पहली बार विदाई समारोह दिन में आयोजित हुआ। कुछ जानकार तो यहां तक बता रहे थे कि 103 साल बाद यह संयोग बना, जब दिन में कोट विदाई आयोजित करनी पड़ी। 

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राजपरिवार के सदस्य कुंवर अनंत नारायण सिंह का रामनगर किले में आने का आमंत्रण लेकर बलुआ घाट स्थित काशीराज परिवार के धर्मशाला में रामलीला के मुख्य स्वरूपों के पास पहुंचे। इसके बाद सुबह सवा नौ बजे हाथी पर सवार होकर रामलीला के मुख्य पात्र किले के अन्दर हाथी गेट पर पहुंचे। यहां राजपरिवार ने उनकी अगवानी की। इसके बाद कुंवर अनंत नारायण सिंह ने उन सभी का दुर्ग में आतिथ्य सत्कार किया। कुंवर अनंत नारायण सिंह ने खुद उनके पांव पखारे। फिर आसन पर बिठा कर भोजन परोसा। इस दौरान रामलीला के रामायणियों ने रामचरितमानस के उत्तर कांड के शेष बचे दोहों का गायन किया जाता रहा। भोजन ग्रहण करने के पश्चात कुंवर ने उनको माला पहनाया और उनकी आरती उतारी। 

 

इस दौरान धूप के बावजूद हाथी गेट परिसर खचाखच भरा रहा। इसके बाद वहां से सभी हाथी पर सवार होकर मुख्य पात्र अयोध्या रामलीला मैदान के लिए चल दिए। दोपहर 12 बजे अयोध्या रामलीला मैदान पहुंचने पर रामायणियों ने उत्तरकान्ड के शेष बचे 40 दोहों का गायन किया। दोपहर एक बजे मुख्य पात्रों की आरती के साथ रामलीला के सम्पूर्ण कार्यक्रमों का औपचारिक समापन हो गया। इसके बाद लीला प्रेमी नम आंखों से अगले वर्ष फिर मिलने की फिर मिलने की कामना लिए अपने घर को रवाना हो गए। इसके साथ पिछले एक माह से चले धार्मिक और आध्यात्मिक महासंगम का समापन हो गया।

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