Ramnagar ki ramlila 2023 : रावण के यज्ञ को बानर-भालुओं ने किया भंग, दशानन ने बजवाया युद्ध का डंका, शुरू हुआ भीषण युद्ध 

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वाराणसी। लंका में रावण के यज्ञ करने की सूचना मिलने पर विभीषण ने श्रीराम को बताया कि वह यज्ञ कर रहा है। इसके पूरा होने के बाद वह नहीं मरेगा। इसके बाद प्रभु श्रीराम ने वानर और भालूओं को उसका यज्ञ भंग करने के लिए भेजा। वानर भालुओं के यज्ञ भंग किए जाने से क्रोधित रावण ने युद्ध का डंका बजवा दिया। रणभूमि में भयंकर युद्ध शुरू हो गया। रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में रविवार को रावण यज्ञ भंग व युद्ध की लीला का मंचन किया गया। 

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श्रीराम को पैदल युद्ध करते देखकर इंद्र ने उनके लिए अपना रथ भेजा। जिस पर चढ़कर रावण से युद्ध करने लगे। इस दौरान रावण ने अपनी माया से रणभूमि में अनेकों राम लक्ष्मण बना दिया। यह देखकर श्रीराम की सेना डर गई। इसके बाद उन्होंने उसकी माया को काट दिया। श्रीराम ने अपनी सेना को युद्ध करने से रोकते हुए कहा कि तुम लोग हमारे और रावण के बीच अकेले लड़ाई होने दो। वह श्रीराम और लक्ष्मण को रणभूमि में काल के हवाले करने के लिए कहने लगा। वह उनकी बात सुनकर कहता है कि मुझे उपदेश देता है बैर करते तुमको डर नहीं लगा। अब अपना प्राण प्यारा लग रहा है तभी युद्ध के दौरान विभीषण ने अपने भाई की छाती पर गधा से प्रहार किया। वह हाय कहकर भूमि पर गिर पड़ा। रावण के उठने पर हनुमान ने उससे युद्ध किया। राम और रावण के युद्ध को देखकर देवता कंदरा और खोह में छिपने के लिए तैयार हो गए। 

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उसी दौरान रावण सभी देवताओं को दौड़ाने लगा। यह देखकर श्रीराम की सेना के अंगद और वानर भालू उससे लड़ने लगे। उसी समय वह जामवंत की मार से मूर्छित हो गया। उसका सारथी उसे महल ले गया। उधर, अशोक वाटिका में बैठी सीता को त्रिजटा ने श्रीराम और रावण के युद्ध का सब समाचार बता रही थी। तभी वह सोच में पड़ गई कि रावण कैसे मरेगा। वह विधाता और अपने भाग्य को कोसने लगी। उसी दौरान त्रिजटा ने रावण के मरने का उपाय बताया और वहां से चली गई। विरह से दुखी सीता के सामने तभी शकुन होने लगा। तब उनको विश्वास हो गया कि रावण अब अवश्य मरेगा। यहीं पर भगवान की आरती के बाद लीला को विराम दिया गया।

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