रामनगर शास्त्री घाट निर्माण हादसे में दोषियों पर कार्रवाई की सिफारिश, डीएम ने शासन को भेजा पत्र

dm vns
WhatsApp Channel Join Now
-    जांच में ठेकेदार, फर्म और अधिकारियों की लापरवाही उजागर, घटिया निर्माण सामग्री और खराब पर्यवेक्षण को माना जिम्मेदार

वाराणसी। रामनगर के शास्त्री घाट के पास चल रहे पर्यटन विकास कार्य के दौरान एक संरचना के क्षतिग्रस्त होने से हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु के मामले में दोषी पाए गए ठेकेदार, फर्म और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी (डीएम) एस. राजलिंगम ने शासन को पत्र भेजा है। यह कदम जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया, जिसमें निर्माण में अनियमितताओं और पर्यवेक्षणीय लापरवाही को घटना का मुख्य कारण बताया गया है।

डीएम ने बनाई जांच समिति

इस दुखद घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम एस. राजलिंगम ने अपर जिलाधिकारी (नगर) की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की थी। इस समिति में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया, जिनमें अधिशासी अभियंता (निर्माण खंड-1, लोक निर्माण विभाग), सिंचाई बंधी प्रखंड के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता (जिला ग्राम्य विकास अभिकरण), उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक और उपनिदेशक पर्यटन शामिल थे। सभी अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की गहन जांच की।

घटिया निर्माण सामग्री और तकनीकी खामियां

जांच रिपोर्ट के अनुसार, स्ट्रक्चर के ढहने का मुख्य कारण खराब निर्माण सामग्री और अकुशल कारीगरी को माना गया है। जांच समिति ने पाया कि छतरी का निर्माण कमजोर था और उसमें उपयोग की गई सामग्री भी निम्न गुणवत्ता की थी। छत में लगे पत्थरों को जोड़ने के लिए उपयोग की गई एडेसिव सामग्री (फिलर) की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई, साथ ही पत्थरों में उपयुक्त ग्रूव नहीं थे। इसके अलावा, पत्थरों को जोड़ने के लिए आवश्यक क्रैंप का भी इस्तेमाल नहीं किया गया था, जिससे संरचना अस्थिर हो गई और दुर्घटना घटी।

जांच समिति ने यह भी खुलासा किया कि कार्यदायी संस्था के अधिकारियों द्वारा स्वीकृत डिजाइन या ड्रॉइंग जांच समिति को नहीं दी गई थी। इसके अलावा, घटना स्थल पर दो अन्य ऑक्टागोनल छतरियां भी निर्मित हैं, जिनकी स्थिरता भी संदेहास्पद है और जनसाधारण के लिए सुरक्षित नहीं मानी जा रही हैं। 

लापरवाही के लिए दोषी ठहराए गए अधिकारी और ठेकेदार

रिपोर्ट के मुताबिक, ठेकेदार और निर्माण फर्म ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया और संबंधित अधिकारियों ने कार्य स्थल पर समुचित पर्यवेक्षण नहीं किया। यह निष्कर्ष सामने आने के बाद डीएम ने प्रमुख सचिव, सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की है। 

मीडिया रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण

इस मामले में एक प्रमुख समाचार पत्र द्वारा "टकराया कुत्ता, हिला खंभा, गिरी छत और गई बुजुर्ग की जान" शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी, जो कि वास्तविक तथ्यों से भिन्न थी। जिलाधिकारी ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि उनके द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया था और समाचार पत्र में जांच रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर ही संवाददाता से बातचीत की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाचार गलत ढंग से प्रकाशित किया गया और उनका कोई बयान उस संदर्भ में नहीं दिया गया था।

इस घटना के बाद, रामनगर के शास्त्री घाट पर चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। जनता में इस घटना को लेकर रोष व्याप्त है और वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
 

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story