Ramnagar ki Ramlila-2024 : वरदान मिलते ही रावण ने देवलोक में मचा दी खलबली, देवता त्रस्त, रामावतार की आकाशवाणी, रामलीला शुरू
वाराणसी। रावण ने जन्म लेने के बाद भाइयों संग यज्ञ करना शुरू कर दिया। वरदान मिलने के बाद रावण अतातायी हो गया। उसके अत्याचार से त्रस्त देवता श्रीहरि विष्णु की शरण में पहुंचे तो अकाशवाणी हुई कि डरें नहीं, हम आपके कल्याण के लिए धरती पर मनुष्य रूप में अवतार लेंगे। रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला (Ramnagar ki Ramlila-2024) के प्रथम दिन बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच इन्हीं प्रसंगों का मंचन हुआ।
पहले दिन का सबसे बड़ा आकर्षण क्षीरसागर की झांकी रही। इसे देखकर लोग भावविह्वल हो गए। काशी की प्राचीन संस्कृति और अक्खड़मिजाजी का मेल मंगलवार की शाम रामलीला के बहाने रामनगर में दिखा। शाम करीब साढ़े पांच बजे रावण जन्म के साथ रामलीला का पारम्परिक शुभारम्भ हुआ। काशीराज परिवार के कुंवर अनंत नारायण सिंह की मौजूदगी में रामबाग के मुख्य द्वार पर शुरू हुई लीला में जन्म के बाद रावण यज्ञ करने लगा। यज्ञ सफल होते ही ब्रह्माजी ने प्रसन्न होकर उसे अमरत्व का वरदान दे दिया। अमरत्व का वरदान पाते ही अहंकार से चूर रावण ने देवलोक में खलबली मचा दी। कुबेर पर आक्रमण कर उनका पुष्पक विमान छीन लिया। रावण के आतंक से भयभीत होकर देवराज इंद्र देवी-देवताओं के साथ बैकुंठ के लिए पलायन कर गए। कुंभकर्ण ने छह महीना सोने और एक दिन जागने का वर मांगा। मेघनाद इन्द्र को ही पकड़ लाया। इसके बाद उसे इंद्रजीत का अलंकरण मिला।
बारिश के चलते शाही बग्घी पर नहीं निकली कुंवर की सवारी
मंगलवार को पूरे दिन बारिश का दौर जारी रहा। इसके चलते रामलीला के दौरान कुंवर की शाही बग्घी पर सवारी नहीं निकल पाई। कुंवर कार से लीला स्थल पहुंचे। उनकी मौजूदगी में लीला का मंचन किया गया।
लेट पहुंचे रावण, आधे घंटे विलंब से शुरू हुई रामलीला
रामनगर की रामलीला के पहले दिन रावण जन्म, झीरसागर की झांकी के प्रसंग का मंचन होता है। रामलीला में रावण की भूमिका निभाने वाले किरदार लेट पहुंचे। इसके चलते रामलीला लगभग आधे घंटे विलंब से शुरू हो पायी।
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