Ramnagar ki Ramleela: विश्वामित्र ने यज्ञ की रक्षा के लिए मांगे राम और लक्ष्मण, अहिल्या को श्रीराम ने किया श्राप मुक्त

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 वाराणसी। रामनगर की रामलीला में तीसरे दिन ऋषि विश्वामित्र ने अपने यज्ञ की रक्षा के लिए अयोध्या के राजा दशरथ से उनके पुत्र श्रीराम और लक्ष्मण को अपने साथ ले जाने का निवेदन किया। यज्ञ में बाधा डालने वाले राक्षसों से त्रस्त होकर, विश्वामित्र अयोध्या पहुंचे और राजा दशरथ के दरबार में उनका भव्य स्वागत किया गया। राजा दशरथ ने विश्वामित्र से पूछा कि वह किस कारण से पधारे हैं। विश्वामित्र ने दशरथ को बताया कि राक्षस उनके यज्ञ को विध्वंस कर रहे हैं, और इसी से रक्षा के लिए वह श्रीराम और लक्ष्मण को चाहते हैं। 

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दशरथ ने पहले तो अपने पुत्रों को भेजने से इनकार कर दिया और इसके बदले में कोई और सेवा या संपत्ति देने की पेशकश की। लेकिन गुरु वशिष्ठ ने समझाया कि राम और लक्ष्मण कोई साधारण बालक नहीं हैं, उनके शौर्य और पराक्रम की चर्चा पुराणों में भी है। गुरु वशिष्ठ की बात मानकर दशरथ ने राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के हवाले कर दिया और कहा, "आज से आप ही इनके माता-पिता हैं।"

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विश्वामित्र ने जब राम और लक्ष्मण को अपने आश्रम के निकट ताड़का नामक राक्षसी से मिलवाया, तो ताड़का क्रोधित होकर उन पर हमला करने दौड़ी। राम ने उसे तुरंत मार गिराया। इसके बाद राम और लक्ष्मण ने यज्ञ की सुरक्षा का वचन दिया। तभी मारीच अपनी सेना लेकर उन पर हमला करने आया, लेकिन राम ने उसे समुद्र के पार फेंक दिया, जिससे देवताओं ने श्रीराम की जय-जयकार की।

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आगे चलते हुए, विश्वामित्र ने राम को एक पत्थर की शिला दिखाई और बताया कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या हैं, जिन्हें इंद्र के अपराध के कारण श्राप मिला था। राम ने अपने चरण स्पर्श से अहिल्या को श्राप से मुक्त किया, और अहिल्या उनके चरणों में गिर पड़ी। राम ने उन्हें मुक्ति प्रदान कर स्वर्ग भेज दिया।

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राम और लक्ष्मण के साथ चलते हुए विश्वामित्र जनकपुर के निकट पहुंचे। वहाँ राजा जनक ने दोनों भाइयों को देखा और उनसे प्रभावित हुए। विश्वामित्र ने जनक को बताया कि ये रघुकुलमणि राजा दशरथ के पुत्र हैं, जिन्होंने यज्ञ की रक्षा कर असुरों को पराजित किया है। राजा जनक ने उन्हें अपने महल में ठहराया और सम्मानपूर्वक उनकी सेवा की। भोजन और विश्राम के बाद भगवान की आरती के साथ लीला का समापन हुआ। इस प्रकार, राम और लक्ष्मण ने न केवल यज्ञ की रक्षा की, बल्कि अहिल्या को भी श्राप से मुक्त कर स्वर्ग का मार्ग दिखाया।

देखें तस्वीरें - 

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