Ramnagar Ki Ramleela: अयोध्या में श्रीराम का भव्य राजतिलक, गुरु वशिष्ठ और कुंवर अनंत नारायण सिंह ने किया तिलक
कुंवर अनंत नारायण सिंह दुर्ग से पैदल चलकर लीला देखने पहुंचे, और गुरु वशिष्ठ ने सूर्य के समान तेजस्वी दिव्य सिंहासन मंगवाकर श्रीराम का तिलक किया। श्रीराम ने गुरु को प्रणाम कर सीता के साथ सिंहासन पर स्थान ग्रहण किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुरु वशिष्ठ ने उनका तिलक किया, और समस्त ब्राह्मणों ने आशीर्वाद दिया। देवताओं ने प्रसन्न होकर पुष्पवृष्टि की, और तीनों लोकों में जय-जयकार गूंज उठी।
परंपरा के अनुसार, कुंवर अनंत नारायण सिंह ने भी श्रीराम का राजतिलक कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। माताओं ने खुशी-खुशी ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी। भगवान शिव स्वयं प्रकट होकर श्रीराम की राजतिलक महिमा का गुणगान करते हुए पूरे अयोध्या में अपने डमरु की गूंज फैलाने लगे, और फिर कैलाश पर्वत लौट गए।
राज्याभिषेक के बाद श्रीराम ने अपने मित्रों से कहा कि उन्होंने उनकी सेवा की, और उनका आभार व्यक्त करते हुए सभी को वस्त्र और आभूषण भेंटकर विदाई दी। रात्रि के समय श्रीराम, सीता और चारों भाइयों ने लीला प्रेमियों को दर्शन दिए, जबकि नगर के मंदिरों में रातभर भजन-कीर्तन का आयोजन चलता रहा।
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