Ramnagar ki Ramleela: श्री राम ने किया बाली का वध, सुग्रीव का हुआ राज्याभिषेक, माता सीता की खोज में निकली वानर सेना

Ramnagar ki Ramleela
WhatsApp Channel Join Now
वाराणसी। रामनगर में शुक्रवार को आयोजित रामलीला के 18वें दिन की लीला में बाली वध, सुग्रीव का राजतिलक, अंगद को युवराज पद पर नियुक्ति और वर्षा वर्णन की घटनाओं का मंचन हुआ। कार्यक्रम के पहले चरण में भगवान श्रीराम का आशीर्वाद पाकर सुग्रीव अपने भाई बाली को युद्ध के लिए चुनौती देते हैं। बाली, अपनी पत्नी तारा के समझाने के बावजूद युद्धभूमि में जाता है। 

युद्ध के दौरान, बाली के शक्तिशाली प्रहार से घायल सुग्रीव, श्रीराम की शरण में जाता है। श्रीराम एक वृक्ष के पीछे से तीर चलाकर बाली का वध करते हैं। बाली की पत्नी तारा अपने पति की मृत्यु पर करुण विलाप करती है, जिसे सुनकर श्रीराम उसे जीवन के सत्य का ज्ञान प्रदान करते हैं, जिससे उसका सारा मोह दूर हो जाता है। इसके बाद, बाली का अंतिम संस्कार संपन्न होता है।

Ramnagar ki Ramleela

फिर श्रीराम, वर्षा ऋतु के बादलों को देखकर प्रवर्षण पर्वत पर लक्ष्मण से वर्षा का सुंदर वर्णन करते हैं। इसके बाद, श्रीराम सुग्रीव पर नगर, स्त्रियों और राजकीय सुखों में लिप्त होकर अपनी जिम्मेदारियों को भूलने का आरोप लगाते हैं और लक्ष्मण को सुग्रीव को बुलाने का आदेश देते हैं। 

Ramnagar ki Ramleela

हनुमान सुग्रीव को समझाते हैं, लेकिन सुग्रीव टालमटोल करते हुए वानर सेना को सीता की खोज के लिए भेज देते हैं। यह सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं, परंतु युवराज अंगद लक्ष्मण का क्रोध शांत कर सभी को श्रीराम के पास लेकर जाते हैं। वहां विभाजन के बाद, वानर सेना को विभिन्न दिशाओं में सीता की खोज के लिए भेजा जाता है। श्रीराम हनुमान को एक अंगूठी देते हैं, जिसे वह सीता को पहचान के रूप में दिखाने के लिए कहते हैं।

Ramnagar ki Ramleela

सीता की खोज में हनुमान और वानर सेना एक गुफा के पास पहुंचते हैं, जहां उनकी भेंट गंधर्व पुत्री स्वयंप्रभा से होती है। स्वयंप्रभा वानर सेना को समुद्र तट तक पहुंचा देती हैं। सीता का पता न चलने पर वानर सेना निराश होकर बैठ जाती है। तभी गिद्धराज सम्पाती उन्हें देखता है और प्रसन्न होता है। लेकिन अंगद से रावण द्वारा सीता हरण और जटायु वध की कहानी सुनकर सम्पाती दुखी हो जाता है। 

Ramnagar ki Ramleela

सम्पाती अपनी गिद्ध दृष्टि से देखता है कि सीता अशोक वाटिका में हैं। विशाल समुद्र देखकर वानर सेना चिंतित हो जाती है कि इसे कैसे पार करें। तब जामवंत हनुमान को उनकी शक्तियों की याद दिलाते हैं, जिससे हनुमान पर्वताकार होकर गर्जना करते हैं। जामवंत हनुमान से सिर्फ सीता का पता लगाकर आने को कहते हैं, जिसके बाद हनुमान लंका के लिए प्रस्थान करते हैं। इसके बाद आरती के साथ लीला का समापन हुआ।

Ramnagar ki Ramleela
Ramnagar ki Ramleela

Ramnagar ki Ramleela

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story