इंटर मॉडल स्टेशन के लिए अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे ने चस्पा किया नोटिस, अंग्रेजो के जमाने से मालिकाना हक का लोगो ने किया दावा

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वाराणसी। आजादी से पहले की बने वाराणसी जनपद के काशी रेलवे स्टेशन को रेलवे इंटर मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित करने वाली है। रेल, सड़क, पानी और हवाई (हेलीपैड) मार्ग को एक ही स्टेशन से जोड़ने की कवायत की जा रही है। रेलवे इस कार्य को लेकर जल्द ही काशी स्टेशन के पास के जमीनों का अधिग्रहण करने वाला है। इसके साथ ही अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहने वालो को बेदखल कर बुलडोजर की कार्रवाई करने वाला है। जिसे लेकर रेलवे ने अतिक्रमण कर रहने वाले लोगो के घाट नोटिस चस्पा कर दिया है। 
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रेलवे के द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए किए गए नोटिस चस्पा किए जाने को गलत बताते हुए वहां रहने वाले लोगो ने अपने पुश्तैनी जमीन होने का दावा किया है। स्थानीय लोगो ने बताया कि वह कई पुस्तों से वहां रह रहे है और इसे रेलवे के द्वारा अतिक्रमण बताकर कार्रवाई करने का कोई हक नही है। वही उन्होंने बताया कि मामला अभी कोर्ट में है और नोटिस चस्पा किए जाने का औचित्य नही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1980 में रेलवे ने भी उन्हें एक लेटर पर यह बात लिखकर दी है कि यह जमीन उनकी है। करीब सात पीढ़ियों से यहां रहने का दावा करने वाले मोहम्मद सलीम ने बताया कि सिविल जज वाराणसी कोर्ट में साल 2016 से रेलवे के खिलाफ मोहम्मद सलीम बनाम युनियन ऑफ़ इंडिया का मुकदमा विचाराधीन था, जिसे पैरवी न कर पाने की वजह से खारिज कर दिया गया। जब इसकी जानकारी उन्हें हुई तो कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया और मौजूदा समय में उसकी सुनवाई हो रही है, इसकी अगली तारीख 30 दिसंबर 2023 कोर्ट ने दिया है।
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मोहम्मद सलीम ने बताया कि रेलवे के द्वारा नोटिस चस्पा किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर किया गया है। इसके बावजूद रेलवे के द्वारा बाउंड्री बनावाए जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह काम पूरी तरह न्याय संगत नही है और कोर्ट की अवमानआईना है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जमीन कोर्ट के द्वारा रेलवे को दी जाती है, तो वह जमीन छोड़ने को तैयार है। 
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