भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा पुष्कर तालाब, दरकती सीढ़िया दे रही बड़े हादसे को दावत !

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विकास एवं सौंदर्यकरण के नाम पर अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया जा रहा है। सुंदरीकरण के नाम पर पैसे का जमकर बंदरबांट की जा रही है। इसकी बानगी है असि स्थित पौराणिक पुष्कर तालाब पर देखने को मिल रही है, जहां सीएनडीएस के द्वार कराए गए सौंदर्यकरण के कार्य को अभी 10 वर्ष भी नहीं हुआ और वह खराब होना शुरू हो गया है। असि स्थित पुष्कर तालाब की सीढ़ियां जगह-जगह धसने लगी है। सीढ़ियां धसने के कारण तालाब के पास लगा ट्रांसफार्मर भी इसके जद में आ गया है और किसी बड़े हादसे को दावत देता दिख रहा है।
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पौराणिक पुष्कर तालाब के उत्तर दिशा के प्लेटफार्म दरकने लगे है। जिसके कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है, क्योंकि सैकड़ों लोग प्रतिदिन इस तालाब पर मॉर्निंग वॉक करने के लिए आते हैं। पुष्कर तालाब के सुंदरीकरण के लिए अभियान चलाने वाले समाजसेवी एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने बताया कि सीएनडीएस द्वारा 4.30 करोड़ की लागत से 2013-14 में तालाब का सुंदरीकरण कार्य किया गया है। जो तालाब का सुंदरीकरण किया गया है, वह मानक के विपरीत किया गया है और तालाब के सुंदरीकरण में भारी अनियमितता की गई है।
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तालाब के दुर्दशा को लेकर समाजसेवी ने कहा कि सुंदरीकरण के कार्य के दौरान अनिमियतता की शिकायत नगर निगम एवं जिला प्रशासन को देते रहे है लेकिन उसके बावजूद तलाब का सुंदरीकरण मानक के विपरीत हुआ है। आज उसका परिणाम है कि तालाब के दक्षिण दिशा की सीढ़ियां और प्लेटफार्म पूरी तरह से धस गए हैं। सीढ़ी के पास लगा बिजली का खंभा जिस पर ट्रांसफार्मर लगा है वह कभी भी गिर सकता है। वही तालाब के उत्तर दिशा का प्लेटफार्म में धस गया है। वही जगह - जगह लगा टाइल्स टूट रहा है, यही हाल पूरे तालाब की है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, तो बाकी अन्य जगहों पर क्या हो रहा होगा यह सोचने वाली बात है।
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उन्होंने बताया कि तालाब को बचाने के लिए जागृति फाउंडेशन द्वारा 2007 से अभियान शुरू हो गया। अभियान में लोगों के सहयोग से तालाब की सफाई कराई गई, जिसमें पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा मुरारी बापू पर्यावरणविद प्रोफ़ेसर स्वर्गीय वीरभद्र मिश्र, अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास एवं संकट मोचन मंदिर के वर्तमान महंत विश्वंभर नाथ मिश्र, एनसीसी के कैडेट्स पीएससी के जवान सहित संतो महंतों ने श्रमदान किया और तालाब की सफाई की इसके पश्चात अथक प्रयास से तालाब के सुंदरीकरण का कार्य शुरू कराया गया। 2013-14 में सुंदरीकरण के कार्य का शुभारंभ हुआ और अभी तालाब के सुंदरीकरण को 10 वर्ष भी पूरा नहीं हुआ और तालाब की सीढ़ियां जगह-जगह से दरकने लगी है।

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