मालवीय पुल पर ठंड में भी पब्लिक के छूटे पसीने, जाम के झाम से जूझती रही पब्लिक, पुलिस रही नदारद
वाराणसी। जब कभी आप बनारस के ट्रैफिक में फंसते हैं, तो क्या होता है? अरे भई ! गलियों से निकल जाते हैं। लेकिन जब जाम से बचने के लिए कोई और रास्ता ही न बचा हो, तब क्या करेंगे? कुछ ऐसा प्रश्न लोगों के दिमाग में उस समय गूंजने लगा, जब वे शनिवार को मालवीय पुल पर जाम में फंसे।
नीचे गंगा की गहराई, ऊपर आसमान और अगल-बगल बस गाड़ियों की कतारें, किसी को कुछ पता नहीं, कब ट्रैफिक शुरू होगा? कब इस जाम से मुक्ति मिलेगी? और तो और ... जाम के दौरान मालवीय पुल पर एक भी ट्रैफिक या सिविल पुलिस का जवान नजर नहीं आया। लोगों के जेहन में बस कुछ वर्षों पहले मालवीय पुल पर हुई एक दुर्घटना याद आने लगी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।
इस भीषण जाम में लोग घंटों फंसे रहे। लोगों को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि वह इस जाम से छूटने के लिए किसका सहारा लें? मालवीय पुल से लेकर आगे दुलहीपुर तक भीषण जाम लगा रहा। जिससे पब्लिक घंटों जूझती रही। बताया जा रहा है कि यह पहला वाकया नहीं है, जब पुल पर जाम लगा हो। यहां आए दिन जाम लगता है और यहां ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं रहते।
सुजाबाद चौकी प्रभारी के मुताबिक, जाम लगने का कारण अधिक संख्या में पब्लिक का रोड पर उतरना है। कई लोग ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करके रॉंग साइड से चलते हैं, इसके कारण भी यहां जाम लगता है।
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