टीबी मुक्त भारत के लिए जनभागीदारी जरूरी, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने 10 क्षय रोगियों को लिया गोद 

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "टीबी मुक्त भारत" के संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जनप्रतिनिधियों से क्षय रोगियों को गोद लेने की अपील के क्रम में, शहर दक्षिणी विधायक और पूर्व राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दुर्गाकुंड में 10 टीबी मरीजों को गोद लिया। इस दौरान उन्होंने सभी मरीजों को पोषण पोटली वितरित की। साथ ही टीबी के खिलाफ लड़ाई को जनआंदोलन बनाते हुए सभी से भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की। 

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विधायक ने जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और नागरिकों से "निक्षय मित्र" बनने की अपील करते हुए कहा कि यह छोटी-छोटी कोशिशें टीबी मरीजों के उपचार और मानसिक संबल में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पोषण पोटली से रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी, जो उनके शीघ्र स्वस्थ होने में सहायक होगी।

सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है, बशर्ते समय पर उपचार शुरू किया जाए, नियमित दवा ली जाए और पोषण का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि मरीजों की कमजोरी और इलाज के बीच संतुलन बनाने में पोषण पोटली बेहद सहायक है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि यह पोषण पोटली काशी विद्यापीठ ब्लॉक की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार की जाती है। इसमें भुना चना, मूंगफली, गुड़, न्यूट्रेला और चना दाल जैसे पोषक तत्व शामिल होते हैं। गोद लिए गए मरीजों को उपचार अवधि तक नियमित रूप से पोषण सामग्री और मानसिक सहयोग दिया जाएगा।

डॉ. राय ने यह भी कहा कि जब टीबी मरीजों में सुधार दिखने लगता है, तो वे अक्सर दवा छोड़ देते हैं। ऐसे में निक्षय मित्रों की भूमिका अहम हो जाती है—वो मरीजों को दवा का कोर्स पूरा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. सोनल त्रिपाठी समेत अन्य चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

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